अनुसूचित जाति के बच्चों ने मिड-डे मील कर्मी के हाथ का बना खाना खाने से किया इंकार, जानिए क्यों

Wednesday, Aug 01, 2018 - 10:28 PM (IST)

राजगढ़: अन्य देश जहां आज तरक्की की राह पर हैं तो वहीं भारत देश आज भी जात-पात के चंगुल में फंसा है, जिसके अक्सर उदाहरण देखने को मिलते हैं। ऐसा ही उदाहरण शिक्षा खंड राजगढ़ की प्राथमिक पाठशाला कनैच में देखने को मिला है लेकिन यहां मामला कुछ उलटा और अजीबोगरीब है। यहां अनुसूचित जाति के बच्चों ने सामान्य वर्ग के मध्याह्न भोजन बनाने वाले कर्मी के हाथ का बना खाना खाने से इंकार कर दिया है। स्कूल प्रबंधन समिति ने एक प्रस्ताव पारित करके कहा है कि अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले मिड-डे मील कर्मी की हाजिरी नहीं लगाई जा रही है इसलिए उनके बच्चे सवर्ण जाति की महिला मिड-डे मील कर्मी के हाथ का बना खाना नहीं खाएंगे, जिस कारण मंगलवार से यहां मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा है।


उच्च अधिकारियों को भेजी रिपोर्ट
इस बारे में बी.पी.ई.ई.ओ. चेत राम शर्मा ने बताया कि स्कूल में 17 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जोकि सभी अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। स्कूल प्रबंधन समिति ने ऐसा प्रस्ताव पारित किया और उसकी प्रति मिलने के बाद वह मौके पर गए लेकिन एस.एम.सी. का कोई सदस्य मौके पर नहीं आया। उन्होंने अध्यापकों के बयान लेकर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है।


कुछ वर्ष पहले शुरू हुआ मामला
उन्होंने बताया कि यह मामला कुछ वर्ष पहले शुरू हुआ था, जब एस.एम.सी. ने यहां तैनात महिला कर्मी जोकि सवर्ण जाति से है, उसको हटाकर यहां अनुसूचित जाति के कर्मी को तैनात कर दिया। सवर्ण जाति की महिला कर्मी ने अदालत से स्टे ले लिया, जिस कारण दूसरे व्यक्ति की नियुक्ति स्वत: ही रद्द हो गई। एस.एम.सी. अदालत के आदेश को दरकिनार करके महिला कर्मी को हटाना चाहती है इसलिए यह समस्या पेश आ रही है।

Vijay