देवताओं के शिविरों से हटने चाहिए पर्दे

Tuesday, Oct 27, 2020 - 01:52 PM (IST)

कुल्लू (संजीव जैन) : अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में जहां अस्थाई शिविरों में देवी देवता विराजमान है वहीं उनके दर्शनों के लिए भी श्रद्धालुओं का आना जारी है। लेकिन कुछ देवताओं के शिविरों को पूरी तरह से पर्दे से बंद करने पर श्रद्धालुओं ने भी आपत्ति जाहिर की है। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की शान भगवान रघुनाथ के शिविर में भी रोजाना लोग दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। शिविर में जहां भगवान रघुनाथ की चार समय विशेष पूजा अर्चना की जा रही है वहीं देवी देवता भी भगवान रघुनाथ के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। आम जनमानस भी भगवान रघुनाथ की विशेष पूजा-अर्चना देखने के लिए ढालपुर मैदान का रुख कर रहे हैं लेकिन अस्थाई शिविर को चारों ओर से पर्दो से बंद करने के चलते शिविर के बाहर भीड़ भी एकत्र हो रही है।

ऐसे में भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि शिविर के बाहर लगे पर्दो  को हटाया जाए। ताकि लोग बाहर से भी भगवान रघुनाथ के दर्शन कर सकें। महेश्वर सिंह का कहना है कि शिविर में आने के लिए एकमात्र गेट ही बचा हुआ है और ऐसे में लोगों की ज्यादा भीड़ भी उसी गेट पर पड़ रही है। प्रशासन की ओर से अस्थाई शिविर को चारों ओर से पर्दो से कवर किया गया है। महेश्वर सिंह का कहना है कि भगवान रघुनाथ के प्रति आस्था को देखते हुए रोजाना लोगों का शिविर में आना जारी है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वे शिविर के बाहर लगाए गए पर्दो को हटाए ताकि आम जनता बाहर से भी भगवान रघुनाथ के दर्शन कर सकें। गौर रहे कि अस्थाई शिविर के बाहर  देवी देवताओं के दर्शन के लिए जिला प्रशासन द्वारा अलग से व्यवस्था की गई है ताकि समाजिक दूरी व अन्य नियमों का पालन किया जा सके।
 

prashant sharma