ज्वालामुखी मंदिर से निकाले कर्मचारियों को SC ने दी बड़ी राहत, पढ़ें खबर

Monday, Oct 09, 2017 - 01:07 AM (IST)

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी मंदिर में कार्यरत उन कर्मचारियों को उच्चतम न्यायालय के आदेश ने बड़ी राहत प्रदान की है जिन्हें मंदिर प्रशासन ने वर्ष 1995 में तत्कालीन उपायुक्त के निर्देशों के तहत नौकरी से निकाल दिया था। माननीय उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश मोहन एम. की खंडपीठ ने 26 जुलाई 2017 को दिए अपने फैसले में इन कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर नियुक्ति देने का एक-एक लाख रुपए का मुआवजा देने के निर्देश मंदिर आयुक्त को दिए हैं। इसको लेकर प्रार्थी के अधिवक्ताओं विकास महाजन व विनोद शर्मा ने एक प्रार्थना पत्र 19 सितम्बर, 2014 को डी.सी. कांगड़ा का सौंपा है।

50 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया
उच्चतम न्यायालय में ज्वालामुखी मंदिर से निकाले गए कर्मचारी प्रीतम चंद व अन्यों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास महाजन व विनोद शर्मा ने बताया कि वर्ष 1995 में ज्वालामुखी मंदिर के लगभग 50 कर्मचारियों को तत्कालीन उपायुक्त के आदेशों पर नौकरी से हटा दिया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने लेबर कोर्ट में अपील की थी। लेबर कोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए 25 मई 2001 को कर्मचारियों को बहाल करने व 25 प्रतिशत मुआवजा देने का निर्णय दिया जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने प्रदेश उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। 

हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था लेबर कोर्ट का फैसला
प्रदेश उच्च न्यायालय की एकल व 2 न्यायाधीशों की खंडपीठ ने 8 अगस्त, 2007 को राज्य सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुए लेबर कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। माननीय प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्णय को कर्मचारी प्रीतम चंद व अन्यों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील नम्बर 3516/2011 के तहत चुनौती दी जिस पर निर्णायक फैसला सुनाते हुए माननीय न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश मोहन एम. ने हटाए गए कर्मचारियों को एक-एक लाख रुपए के मुआवजे के साथ दोबारा नियुक्ति देने के आदेश पारित किए हैं, जिससे ज्वालामुखी मंदिर से निकाले गए लगभग 50 कर्मचारियों को नौकरी की उम्मीद बंधी है।

उच्चतम न्यायालय के आदेशों की होगी पालना
मंदिर सह आयुक्त एवं एस.डी.एम. ज्वालामुखी राकेश कुमार शर्मा ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों की पुष्टिï करते हुए बताया कि इसको लेकर आगामी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फाइल डी.सी. के पास भेजी गई है जिस पर उपायुक्त के निर्देशों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।