सत्ती का कांग्रेस पर बड़ा वार, बोले-बताओ CM COVID-19 Fund में कितने पैसे जमा करवाए

Wednesday, May 20, 2020 - 04:39 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि कांग्रेस बताए कि मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोष में अब तक कांग्रेस ने कितने पैसे जमा करवाए। कांग्रेस के प्रदेश नेताओं ने कितने पैसे दिए। भाजपा ने अकेले मुख्यमंत्री राहत कोष में 7 करोड़ रुपए जमा करवाए। 89 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोष में आया। गरीब लोगों से लेकर बच्चों तक ने इसमें अपने पैसे जमा करवाए।

उन्होंने कहा कि चपरासी और चीफ सैक्रेटरी एक बराबर नहीं हो सकते, इसलिए अमीर लोगों की सबसिडी बंद होनी चाहिए। चपरासी, चीफ सैक्रेटरी और मुख्यमंत्री भी सस्ते राशन में हैं। जो प्रदेश 55 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबा है, क्या उसे प्रदेश के अमीर लोगों को भी सस्ता राशन देना चाहिए। सत्ती ने कहा कि अमीर आदमी को सबसिडी नहीं देनी चाहिए। नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर सवा लाख लोगों ने सबसिडी छोड़ी। कांग्रेस के नेता बताएं कि कितने नेताओं ने गैस की सबसिडी छोड़ी।

सत्ती ने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस पार्टी के एक ही परिवार ने 47 वर्षों तक शासन किया, लेकिन इस देश में मास्क तक नहीं बनते थे। पीपीई किट्स भी नहीं बनती थीं। अब 3 लाख किट एक दिन में बन रही हैं। जब नरेन्द्र मोदी की विश्व प्रशंसा करता है तो कांग्रेस को परेशानी हो जाती है।  विपक्ष का आरोप कि सरकार कर्जे पर कर्जा ले रही है उसका जवाब देते हुए सत्ती ने कहा कि कांग्रेस ने 52 वर्षों तक शासन किया। 72 वर्षों में केवल 18 साल भाजपा ने शासन किया। कांग्रेस बताए कि जब वह सत्ता में रही तो उसने ऋण लिए या नहीं। 

केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के बजट को विपक्ष द्वारा आंकड़ों का खेल करार देने पर सत्ती ने कहा कि कांग्रेस की बड़ी दुविधा है। कांग्रेस को यह लगता है कि जो उनकी जेब में आ जाए तो मोदी केवल खातों में डालते हैं। प्रधानमंत्री ने जन-धन खातों में करोड़ों रुपए डाले। उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन के दौरान हिमाचल में भाजपा ने अच्छा प्रबंधन किया। भाजपा ने 2 तरह का कार्य किया। प्रवासी मजदूर जो हिमाचल में लगभग 2 लाख थे, उन्हें प्रशासन के माध्यम से राशन किटें प्रदान की गईं। इसमें भाजपा ने कोई राजनीति नहीं की। राशन किटें बांटने का श्रेय प्रशासन को जाता है। हिमाचल के 40 हजार के करीब लोग पास बनवाकर ट्रेनों के जरिए अपने घर पहुंच चुके हैं।

Vijay