सतलुज सहित अन्य परियोजनाओं में बिजली उत्पादन बंद, जानिए वजह

Wednesday, Jul 19, 2017 - 09:27 AM (IST)

रामपुर बुशहर: भारत की सबसे बड़ी भूमिगत सतलुज जलविद्युत परियोजना व अन्य परियोजनाओं में बिजली उत्पादन बंद हो गया है। ऐसे में पूरे उत्तरी भारत में बिजली का संकट गहरा गया है। एक हजार मैगावाट करच्छम-वांगतू, 1500 मैगावाट नाथपा-झाखड़ी जल विद्युत परियोजना व 412 मैगावाट रामपुर जल विद्युत परियोजना में बिजली का उत्पादन सुबह से ही बंद हो गया है। एस.जे.वी.एन. परियोजनाओं में बिजली की आपूर्ति भी ठप्प हो गई है, वहीं सतलुज का जल स्तर भी बढ़ गया है। जानकारी के अनुसार सतलुज में पानी की मात्रा 1200 क्यूमैक्स मापी गई है जोकि काफी अधिक है। पिछले दिनों सतलुज में पानी की मात्रा 600 क्यूमैक्स थी।


रामपुर जलविद्युत से एक दिन में 12 करोड़ रुपए का नुकसान 
इसके अलावा गाद की मात्रा भी 26 हजार पी.पी.एम. तक पहुंच गई है। सुबह में ही परियोजना के प्रबंधकों को जिला किन्नौर के करच्छम-वांगतू परियोजना में गाद की मात्रा बढ़ने पर परियोजना के फाटक खोलने की सूचना मिली थी। इसके बाद तुरंत ही परियोजना के फाटक खोल दिए और बिजली उत्पादन बंद कर दिया। इससे नाथपा-झाखड़ी बिजली का उत्पादन पूरी तरह से बंद हो गया है। नाथपा-झाखड़ी में गाद की मात्रा एकाएक बढऩे से कई बार परियोजना की टरबाइनों को भारी नुकसान होता है। परियोजना के डैम से गाद को निकालने में करीब 24 घंटे लग जाते हैं। नाथपा-झाखड़ी जल विद्युत परियोजना से देश के 9 राज्यों को बिजली की आपूर्ति की जाती है। इनमें पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश व हिमाचल प्रदेश भी शामिल है। नाथपा-झाखड़ी, रामपुर जलविद्यतु से एस.जे.वी.एन. को प्रतिदिन 12 करोड़ रुपए का नुक्सान होता है जोकि काफी अधिक है। 


आसपास के क्षेत्रों में हाई अलर्ट 
नाथपा-झाखड़ी परियोजना के प्रबंधक संजीव सूद ने बताया कि सतलुज में गाद वाला पानी आ रहा है। नदी में गाद की मात्रा बढ़ गई है। इसके उपरांत नाथपा-झाखड़ी की परियोजना की टरबाइनों को बंद करने का निर्णय लिया गया। गाद की मात्रा काफी अधिक होने पर प्रात:काल से बिजली उत्पादन बंद हो गया है। उपमंडलाधिकारी डा. निपुण जिंदल ने बताया कि सतलुज नदी के आसपास क्षेत्रों में हाई अलर्ट कर दिया है। उन्होंने कहा नदी के किनारे जाने की पूरी पाबंदी लगा दी है। इस बारे लाऊड स्पीकर के माध्यम से भी लोगों को नदी के किनारे पर न जाने की चेतावनी दी जा रही है।