लीवर के इंजैक्शन व आंख की दवाई के सैंपल फेल, अब कार्रवाई करेगा विभाग

Friday, Apr 07, 2017 - 12:27 AM (IST)

बिलासपुर: बिलासपुर में एक निजी दुकान से लिए गए लीवर के इंजैक्शन व आंख की दवाई के सैंपल फेल पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ये सैंपल 31 मार्च को भरे थे और इनको जांच के लिए कंडाघाट लैब में भेजा गया था। विभागाधिकारियों के मुताबिक कुल भरे गए 166 सैंपलों में 2 सैंपल फेल पाए गए हैं। कंडाघाट लैब की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। ये दोनों सैंपल विभाग ने क्षेत्रीय अस्पताल स्थित एक निजी दुकान से लिए थे। इस दुकान से विभाग ने एक सैंपल लीवर के इंजैक्शन का तथा दूसरा सैंपल आंख की दवाई का लिया था। इनमें लीवर का इंजैक्शन फेल होने पर स्वास्थ्य विभाग ने इस दुकान का लाइसैंस 5 दिन के लिए सस्पैंड कर दिया है जबकि आंख की दवाई का सैंपल मिस ब्रांड की वजह से फेल हुआ है। इसमें तय मानकों के तहत कंपनी का पूरा नाम व पता नहीं लिखा गया है।

दवाइयों के निर्माताओं के विरुद्ध होगी कार्रवाई 
स्वास्थ्य विभाग ने अब दोनों दवाइयों के निर्माताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने की योजना बनाई है। विभाग द्वारा दोनों दवाई निर्माताओं को नोटिस दिया जा रहा है। यदि संबंधित दवाई निर्माताओं का जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता तो संबंधित दवाई निर्माता कंपनियां ब्लैक लिस्ट भी हो सकती हैं। इनमें लीवर की दवाई बनाने वाली कंपनी बद्दी की है जबकि आंख की दवाई निर्माता कंपनी अमृतसर की है। 

इंजैक्शन लगाने से बिगड़ी थी बच्चों की तबीयत
विभागीय सूत्रों के मुताबिक संबंधित लैब से समय पर जांच की रिपोर्ट नहीं मिलती है। अभी तक विभाग को 166 सैंपलों में से केवल 80 के करीब सैंपलों की ही जांच रिपोर्ट मिली है, वहीं विभाग ने क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में भी गत दिवस करीब 200 इंजैक्शन सील किए हैं। ये वहीं इंजैक्शन हैं जिन्हें लगाने से गत दिनों कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी। जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय अस्पताल में इसके 1800 इंजैक्शन आए थे जिसमें से 1600 इंजैक्शन लग चुके हैं तथा पहले कभी भी इस इंजैक्शन के कारण किसी बच्चे की तबीयत नहीं बिगड़ी थी।