घुमारवीं के इस गांव में लहलहाई केसर की फसल, ये शख्स बन गया किसानों के लिए प्रेरणा

punjabkesari.in Saturday, Apr 10, 2021 - 04:36 PM (IST)

भराड़ी (राकेश): केसर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त स्थान ठंडे इलाके को माना जाता है मगर निचले पहाड़ी क्षेत्र में भी केसर की खेती हो रही है। हम बात कर रहे हैं घुमारवीं तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत पडयालग के गांव बाड़ी छजोली के किसान विजय ठाकुर की, जिन्होंने न केवल केसर की खेती की बल्कि पहली ही बार में अच्छी उपज भी ले ली। यही नहीं, विजय ठाकुर ने केसर की खेती कर अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा का काम किया है। अपने दोस्त से मिले केसर के बीज की बुआई कर उसमें गोबर की खाद व सिंचाई इत्यादि कर 5 महीने में विजय कुमार को करीब 1 किलोग्राम केसर की पैदावार की उम्मीद है।

अढ़ाई लाख से 3 लाख रुपए तक है 1 किलो केसर की कीमत

विजय ने बताया कि उन्हें उनके मित्र सुरेश कुमार निवासी गांव भगड़वान ने केसर का बीज दिया था, जिसका उन्होंने पिछले वर्ष नवम्बर माह में छोटे से जमीन के टुकड़े में रोपण किया था। खेत में सिर्फ गोबर की खाद डालने के बाद सिर्फ एक बार सिंचाई की थी। इस वर्ष फरवरी माह में केसर के पौधे पूरी तरह तैयार हो गए और इन पर फूल आ गए हैं। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में केसर के फूलों को चुनना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस हिस्से में लगभग 1 किलो केसर निकलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस पैदावार को देखते हुए वह अगली बार बड़े स्तर पर केसर की खेती करेंगे। बता दें कि केसर की 1 किलोग्राम की कीमत अढ़ाई लाख से 3 लाख रुपए तक है। इसके अलावा केसर के पौधों के अवशेष हवन में भी प्रयोग किए जाते हैं।

केसर की खेती करने को स्थानीय ग्रामीण भी उत्सुक

ग्रामीण कमल ठाकुर, सुरेश कुमार, जलालदीन, मान सिंह, जय राम, प्रकाश चंद, प्रेमलता, रीना देवी व शंकुतला देवी आदि ने बताया कि विजय ठाकुर द्वारा तैयार की गई केसर की फसल और पैदावार को देखकर वे स्वयं भी केसर की खेती करने को लेकर उत्सुक हैं। उन्होंने बताया कि विजय ठाकुर ने इस फसल को बीज कर किसानों को उत्साहित किया है और यदि केसर की खेती क्षेत्र में पूर्ण रूप से सफल होती है तो स्थानीय किसानों की आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार हो सकता है।


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Vijay

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