देवभूमि में रही सदियाला पर्व की धूम, पीज में रातभर गूंजीं अश्लील गालियां

Sunday, Jan 20, 2019 - 08:16 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): पीज गांव में शनिवार रात को सदियाला पर्व की धूम रही। रातभर यहां के लोग हाथों में मशालें लेकर अश्लील जुमलों को गाते हुए गांव की परिक्रमा करते रहे। ऐसी मान्यता है कि इस तरह के जुमलों से आसुरी शक्तियों का वास नहीं रहता है, साथ ही क्षेत्र में खुशहाली भी बनी रहती है। हालांकि सभ्य समाज में गालियों का प्रचलन करीब-करीब बंद सा है, साथ में अश्लील गालियों के लिए तो पूरी तरह से प्रतिबंध रहता है लेकिन देव कारज में इन सभी परम्पराओं का निर्वहन किया जाता है। इसमें किसी तरह का कोई भी प्रतिबंध नहीं रहता है। महिलाओं और युवतियों की भी इसमें किसी तरह की कोई मनाही नहीं रहती है। क्षेत्र की समृद्धि व खुशहाली के लिए ये अश्लील जुमले आवश्यक माने जाते हैं।

ढोल की थाप पर हुआ परम्परा का निर्वहन

महाराजा कोठी के शिखर पर स्थित आराध्य देवता जमलू के मंदिर व आसपास के क्षेत्र में इस तरह की परंपरा निभाई गई। देवता के कारदार देवी सिंह ने बताया कि पीज सदियाला में देवता जमलू नागाधार व देवता शीला के हारियानों द्वारा भी ढोल-नगाड़ों की थाप पर इस परम्परा का निर्वहन किया गया। उन्होंने बताया कि शनिवार देर रात को इस उत्सव में बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर देवी-देवताओं का आशीर्वाद लिया।

गालियों का बुरा मानने पर देवता देते हैं दंड

हैरत की बात तो यह है कि देव समाज इन गालियों का अब अभ्यस्त हो गया है। यदि किसी ने इन गालियों का बुरा माना तो मान्यता है कि उसे देवता के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है। रात के समय पीज गांव के साथ लगते अन्य 4 गांवों धारा, वैंग, पीज और रॉयल के ग्रामीणों ने रात के 12 बजे के बाद मशालें लेकर एक गांव से दूसरे गांव तक गालियां देते हुए परिक्रमा की तथा एक-दूसरे को गालियां दीं। इस पर्व के दौरान अगर कोई व्यक्ति इन गालियों का बुरा मानता है तो उसे देवता स्वयं दंड देते हैं।

लोगों व देवता के हारियान ने लगाया पीज गांव का 7वां चक्कर

सदियाला पर्व के दौरान सभी लोगों व देवता के हारियान द्वारा देवता के प्रांगण में 6 चक्कर लगाकर 7वां चक्कर पीज गांव का लगाया गया। इस दौरान जब ग्रामीण रॉयल गांव पहुंचे तो वहां से गालियां देते हुए देवता जमलू के मंदिर जाकर जागरे का दहन किया गया। सदियाला रात 12 बजे से शुरू होकर दूसरे दिन भी लोग एक-दूसरे को गालियां देते हुए इस परंपरा का निर्वहन करते हैं।

सदियों से चली आ रही परम्परा

पीज पंचायत के प्रधान भुवनेश्वर ने बताया कि इस पीज सदियाला को 4 गांवों के लोग मेले के रूप में मनाते हैं और इस दौरान ग्रामीणों के रिश्तेदारों का भी आना-जाना रहता है। देवता के प्रांगण में पीज सदियाला मनाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है और सदियों से चली आ रही इस परम्परा को आज की युवा पीढ़ी भी निभा रही है।

Vijay