मणिकर्ण घाटी के किसान-बागवानों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही सब्जी मंडी

Friday, Aug 03, 2018 - 11:52 AM (IST)

कुल्लू (दिलीप): धार्मिक नगरी मणिकर्ण के शाट में 50 लाख की लागत से बनी सब्जी मंडी किसान-बागवानों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। इस सब्जी मंडी का लाभ बागवानों को नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा इसे लेकर घाटी के किसान-बागवानों में रोष है। बागवानों का कहना है कि एक साल पूर्व इस सब्जी मंडी का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था। हालांकि मौजूदा सरकार के कृषि मंत्री ने भी बाकायदा इस सब्जी मंडी का निरीक्षण किया था लेकिन निरीक्षण करने के उपरांत भी इसे सेब सीजन के लिए अभी शुरू नहीं किया गया है। 


सरकार ने इस सब्जी मंडी की दुकानें 12 आढ़तियों के लिए सबलैट भी की थीं। बाकायदा आढ़तियों से फीस भी वसूली गई थी लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाया है। सब्जी मंडी में घाटी के किसानों व बागवानों को जहां बीते सीजन में सुविधाएं मिलनी थीं, वे इस बार भी नहीं मिल पाई हैं। अभी तक इस वर्ष भी सरकार की ओर से इसे चलाने के आदेश नहीं मिल पाए हैं। इससे आढ़तियों सहित किसान-बागवानों में सरकार के खिलाफ रोष है। 


क्या कहते हैं आढ़ति 
शाट सब्जी मंडी के आढ़ति शम्भू लाल शर्मा ने कहा कि गत वर्ष 12 दुकानें वितरित की गई हैं जिससे आढ़तियों को कार्य शुरू करने के आदेश नहीं दिए गए हैं। इससे आढ़तियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने भी निरीक्षण किया है और 12 और दुकानें बनाने के लिए कहा गया है, जिससे शाट सब्जी मंडी में 24 आढ़तियों को काम करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि घाटी के किसान-बागवान चाहते हैं कि सब्जी मंडी में उनके उत्पादों की बिक्री शुरू की जाए जिससे किसान-बागवानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अन्य सब्जी मंडी की ओर रुख न करना पड़े। 


सरकार आढ़तियों को दे काम शुरू करने की इजाजत 
स्थानीय बागवान सुरेश ने कहा कि एक साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उद्घाटन किया था और उसके बाद मौजूदा सरकार के कृषि मंत्री राम लाल मारकंडा ने निरीक्षण किया था और सब्जी मंडी में 12 आढ़तियों को दुकानें वितरित कर दी हैं। इसके बाद आढ़तियों को सरकार ने कार्य शुरू करने की इजाजत नहीं दी है। उन्होंने कहा कि सरकार आढ़तियों को सब्जी मंडी में कार्य करने की अनुमति दे जिससे घाटी के हजारों किसानों व बागवानों को राहत मिले और उत्पाद बेचने के लिए सब्जी मंडी खरीद-फरोख्त का कार्य शुरू हो सके। 
 

Ekta