सुगंधा अपार्टमेंट को पानी देने के फैसले पर नगर परिषद की बैठक में हंगामा, पार्षद ने किया वॉकआऊट

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 07:57 PM (IST)

सोलन (नरेल पाल): सुगन्धा अपार्टमैंट को पानी देन के फैसले को लेकर नगर परिषद की बैठक में खूब हंगामा हुआ। नगर परिषद अध्यक्ष के जवाब से अंसतुष्ट एक पाषर्द ने बैठक से वॉकआऊट कर दिया। नगर परिषद अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को शुरू हुई बैठक में वार्ड नम्बर-7 के पार्षद  मुकेश वर्मा व नामित पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता ने सुगन्धा अपार्टमैंट को पानी देने के मुद्दे पर नगर परिषद अध्यक्ष से जवाब मांगा। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच वाद-विवाद शुरू हो गया कि बैठक से बाहर जाने की बात तक कह दी लेकिन पार्षद अपने मुद्दे पर अड़े रहे। एक समय तो स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी।
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नगर परिषद अध्यक्ष ने सुगन्धा अपार्टमैंट को पानी की आपूर्ति करने के निर्णय के पीछे की वजह भी बताई लेकिन पार्षद मुकेश वर्मा उनके जवाब से असंतष्ट थे। इसके बाद वह बैठक से वॉक आऊट कर वहां से चले गए। उनका आरोप है कि नगर परिषद इस प्रकार के जनविरोधी निर्णय लेकर प्रदेश के ईमानदार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की छवि को खराब करने में लगी हुई है।

विदित रहे कि पिछले दिनों नगर परिषद के खिलाफ भाजपा के 3 पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया था। नगर परिषद की सुगन्धा अपार्टमैंट को पानी की आपूर्ति करने के निर्णय पर 3 पार्षदों ने अपनी आपत्ति दर्ज की है लेकिन उनकी इस आपत्ति को नगर परिषद ने शुक्रवार को होने वाले जनरल हाऊस के एजैंडे में स्थान नहीं दिया। जिसके बाद बैठक में हंगामा हो गया।

इस मुददे को लेकर नामित पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता, वार्ड नम्बर-7 के पार्षद मुकेश वर्मा व वार्ड नम्बर-15 की पार्षद सोना नाहर ने शहरी विकास विभाग के सचिव व निदेशक को पत्र लिखकर नगर परिषद के इस निर्णय पर अपनी आपत्ति दर्ज की है। इन तीनों पार्षदों ने नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए, कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्षदों का कहना है कि वर्तमान समय में नगर परिषद शहर की पानी की जरूरत को पूरा करने विफल साबित हो रही है, ऐसे में सुगन्धा अपार्टमैंट को भी नगर परिषद ही पानी की आपूर्ति करेगी तो शहर में पानी की समस्या विकराल हो जाएगी।

हैरानी की बात यह है कि अपार्टमैंट एक्ट में पानी का प्रावधान करना बिल्डर का काम है। इसके लिए उनके द्वारा बाकायदा शपथ पत्र भी दिया गया है। एकदम नगर परिषद को ऐसी क्या परिस्थिति पैदा हो गई कि अपार्टमैंट को पानी की आपूर्ति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि नगर परिषद पर भाजपा का ही कब्जा है। भाजपा पार्षद अपनी ही नगर परिषद के खिलाफ ही लामबंद हो गए हैं। यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा समर्थित नगर परिषद के खिलाफ अपने पार्षदों ने मोर्चा खोला हो। इससे पूर्व भी कई अवसरों पर भाजपा समर्थित पार्षदों ने अपनी नगर परिषद को मुश्किल में डाला है।


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Vijay

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