रोहतांग टनल खुलने से पहले TCP पता करेगा लाहौल-स्पीति की ‘कैरिंग कैपेसिटी’

Tuesday, Sep 04, 2018 - 12:59 PM (IST)

शिमला/कुल्लू (देवेंद्र): रोहतांग टनल खुलने के बाद लाहौल-स्पीति में शिमला जैसे हालात न बनें, इसे देखते हुए राज्य सरकार ‘कैरिंग कैपेसिटी’ की स्टडी करने जा रही है। सरकार ने नगर एवं ग्राम नियोजन महकमे (टी.सी.पी.) को यह जिम्मेदारी सौंपी है। कैरिंग कैपेसिटी का पता लगाने के लिए टी.सी.पी. महकमा इसी माह के अंत तक टैंडर करने जा रहा है। स्टडी में यह पता लगाना होगा कि लाहौल घाटी व आसपास के पर्यटन स्थलों में कितने लोगों के एक साथ ठहरने, खाने-पीने, कितने वाहनों को एक साथ लाने और कितने वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था है? ज्यादा वाहनों की आवाजाही पर्यावरण पर क्या दुष्प्रभाव डालेगी? इन सब बिंदुओं का इस दौरान अध्ययन किया जाएगा। 

स्टडी रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार लाहौल-स्पीति में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजना तैयार करेगी। जिला में नए-नए पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे। इन स्थानों पर ठहरने, बिजली, पानी व भोजन जैसी आधारभूत सुविधाएं जुटाई जाएंगी। माना जा रहा है कि रोहतांग टनल खुलने के बाद लाहौल घाटी में पर्यटकों की तादाद एकाएक बढ़ेगी। लाहौल में वर्तमान में 1818 बैडिंग कैपेसिटी बताई जा रही है। टनल खुलने के बाद यहां की प्राकृतिक सुंदरता निहारने के लिए रोजाना हजारों सैलानियों के पहुंचने की उम्मीद है क्योंकि लाहौल की सुंदरता हर किसी को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में सैलानियों को संभालने के लिए सरकार ने अभी से एक्सरसाइज शुरू कर दी है ताकिजो हालात 25,000 की आबादी के लिए बसाए गए शिमला में 3 लाख की आबादी होने से हुए हैं, वैसे हालात लाहौल घाटी में न बनें।

सभी को लाहौल जाने की नहीं मिलेगी अनुमति
अब तक की राज्य सरकार की योजना के मुताबिक उतने ही सैलानियों को रोहतांग टनल खुलने के बाद लाहौल जाने की अनुमति दी जाएगी, जितने लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी। लाहौल-स्पीति में 1818 की बैडिंग कैपेसिटी बताई जा रही है। इस लिहाज से रोजाना इतने ही लोगों को लाहौल जाने की अनुमति दी जाएगी।

Ekta