लाहौल-स्पीति के परमिट पर रोहतांग घूम रहे पर्यटक, जानिए क्यों (Watch Video)

Sunday, Jun 16, 2019 - 03:21 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप ठाकुर): लाहौल-स्पीति के परमिट पर टैक्सी चालक पर्यटकों को विश्व प्रसिद्व रोहतांग में घुमाकर वापिस लौट रहे हैं जिससे आधी रात को टैक्सी ऑप्ररेटर पर्यटकों को रोहतांग ले जा रहे हैं और जिला प्रशासन के द्वारा इसके लिए समय सारणी निर्धारित की है। इसके बावजूद टैक्सी चालक आधी रात को पर्यटकों को रोहतांग घुमाने के लिए ले जा रहे हैं जिससे एनजीटी के निर्देश व जिला प्रशासन के निर्देशों की टैक्सी चालक सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। गुलाबा चैक पोस्ट में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को लाहौल-स्पीति का परमिट दिखाकर आधी रात को गुमराह कर टैक्सी चालक उनको अंधेरे में रोहतांग की सैर करवा रहे हैं जिससे हर रोज मढ़ी से रोहतांग 4 से 5 घंटे जाम की समय पैदा हो रही है। 

देश-विदेश से आने वाले पर्यटक जाम के कारण परेशान हो रहे है। वहीं एनजीटी ने रोहतांग दर्रे पर व्यावसायिक गतिविधियों पर रोहतांग में पूर्ण प्रतिबंध लगाया है जिससे रोहतांग दर्रे पर पर्यटकों को खाने पीने की उचित सुविधा नहीं मिल रही है। पर्यटक रोहतांग दर्रे पर एडवेंचर गतिविधियों का मजा नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में पर्यटकों ने एनजीटी से मांग की है कि उनकी सुविधा को देखते हुए वह दर्रे पर पर्यटन सीजन के दौरान अस्थाई तौर पर कुछ ढाबे निकालने की परमिशन दें। स्थानीय लोगों की माने तो सरकार को स्थानीय लोगों का पक्ष एनजीटी में रखना चाहिए। राजस्थान से मनाली घूमने आए पर्यटक यश ने बताया कि रोहतांग के लिए 3 बजे मनाली से निकले थे और 5 बजे वहां पहुंचे। उसके बाद शाम को वापिस निकले तो 2 बजे मनाली पहुंचे।

उन्होंने कहा कि रोहतांग जन्नत है, इसलिए वहां पर पर्यटकों के लिए खाने पीने की उचित सुविधा होनी चाहिए। जिससे पर्यटक परेशान न हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को रोहतांग में अस्थाई तौर पर खाने के ढाबों की परमिशन देनी चाहिए। जिससे रोहतांग में पर्यटकों को सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि एनजीटी को भी इसके लिए सोचना चाहिए कि पर्यटक हजारों लाखों खर्च कर रहा है। उपायुक्त कुल्लू डॉक्टर ऋचा वर्मा ने कहा कि उन्हें रोहतांग में खाने-पीने की दिक्कतों को लेकर शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि रोहतांग के लिए ट्रैफिक की समस्या के समाधान के लिए बटालियन, पुलिस, हॉमगार्ड जवान तैनात किए गए है जिससे पर्यटकों को कोई सुविधा ना हो।

Ekta