राहगीरों के लिए बंद हुआ रोहतांग दर्रा, जानिए क्या है वजह

Tuesday, Dec 26, 2017 - 06:59 PM (IST)

मनाली: लाहौल को कुल्लू से जोडऩे वाला रोहतांग दर्रा राहगीरों के लिए बंद हो गया है। रोहतांग दर्रे में 11 दिसम्बर को भारी बर्फबारी हुई थी और तब से दर्रा वाहनों के लिए बंद हो गया था लेकिन राहगीरों के लिए अभी इसे खुला रखा गया था। रोहतांग दर्रे में अधिक बर्फबारी होने से 11 दिसम्बर के बाद किसी भी राहगीर ने दर्रा लांघने की हिम्मत नहीं की। राहगीरों की मदद के लिए लाहौल-स्पीति प्रशासन ने 31 दिसम्बर तक रैस्क्यू पोस्टें स्थापित करने का निर्णय लिया था लेकिन राहगीरों की कदमताल होते न देख प्रशासन से इन रैस्क्यू पोस्टों को हटा लिया। इससे पहले कोकसर और रोहतांग के आसपास के लोग दिसम्बर के अंतिम दिनों में दर्रा आर-पार करते रहे हैं लेकिन इस बार हवाई सेवा की सुविधा मिलने से उन्हें पैदल नहीं आना पड़ा। बचाव दल कोकसर के प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि 15 नवम्बर से 24 दिसम्बर तक रैस्क्यू पोस्ट के सभी सदस्यों ने राहगीरों की हरसंभव मदद की।

बचाव दल ने चालकों-परिचालकों को रैस्क्यू कर बचाई थी जान 
कोकसर रैस्क्यू पोस्ट ने आपात स्थिति में दर्जनों वाहन चालकों की जान बचाई। 17 नवम्बर को रोहतांग में अचानक बर्फबारी हो गई जिससे वाहन चालक रोहतांग में फंस गए। कोकसर बचाव दल ने चालकों व परिचालकों का दर्रे से रैस्क्यू कर उनकी जान बचाई। बचाव दल के सदस्यों ने लगभग 40 लोगों को एक सप्ताह तक शरण दी और सर्दी से बचाकर रखा। एक सप्ताह बाद बी.आर.ओ. ने रोहतांग को बहाल किया तब जाकर कोकसर में फंसे लोग अपने गंतव्य तक पहुंच सके।

एक सप्ताह पहले ही हटा लीं रैस्क्यू पोस्ट
लाहौल-स्पीति के डी.सी. देवा सिंह नेगी ने बताया कि राहगीरों की मदद के लिए लाहौल-स्पीति प्रशासन ने मढ़ी व कोकसर में रैस्क्यू पोस्टें स्थापित की थीं। इन रैस्क्यू पोस्टों को 31 दिसम्बर को हटाया जाना था लेकिन राहगीरों की कदमताल होते न देख इन्हें एक सप्ताह पहले ही हटा लिया है। प्रशासन अब अगले वर्ष प्रथम मार्च को ही रैस्क्यू पोस्टें स्थापित करेगा। सर्दियों में हवाई सेवा नियमित रखी जाएगी जबकि आपात स्थिति में मरीजों के लिए रोहतांग सुरंग से आर-पार होने की सुविधा रहेगी।