रोहतांग दर्रे का मशहूर पर्यटन स्थल मढ़ी पूरे 4 माह बाद बर्फ की कैद से मुक्त

Monday, Apr 15, 2019 - 12:42 PM (IST)

मनाली : देश-विदेश के सैलानियों की पहली पसंद रहने वाले रोहतांग दर्रे का मशहूर पर्यटन स्थल मढ़ी 4 माह बाद बर्फ की कैद से बाहर आ गया है। मनाली की ओर से बढ़ रही बी.आर.ओ. 70 आर.सी.सी. की टीम मनाली से 34 किलोमीटर दूर मढ़ी पहुंच गई है। हालांकि रोहतांग मार्ग बहाली में मौसम खलल डाल रहा है लेकिन बी.आर.ओ. निरंतर आगे बढ़ रहा है। बी.आर.ओ. ने पहली चुनौती को पार करते हुए ब्यासनाला में 25 से 30 फुट ऊंची बर्फ को काटकर मढ़ी में दस्तक दी है। बी.आर.ओ. अपने मढ़ी ट्रांजिट कैंप तक पहुंच गया है जिससे टीम को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

बी.आर.ओ. की सड़क बहाली पर लाहौल वासियों की नजरें टिकी हुई हैं। लाहौल घाटी में खेती का काम शुरू हो गया है लेकिन सैंकड़ों लाहौल वाासी अभी भी कुल्लू-मनाली में फंसे हुए हैं। ये लोग रोहतांग सुरंग से जाने की भी उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन बी.आर.ओ. रोहतांग सुरंग परियोजना की ओर से अभी कोई पहल नहीं हुई है। 16 अप्रैल को शिमला में बी.आर.ओ. की मुख्य चुनाव अधिकारी संग बैठक आयोजित होने जा रही है। लाहौल वासियों को उम्मीद है कि इस बैठक में लोगों को रोहतांग सुरंग से जाने की अनुमति मिल सकती है।

रोहतांग सुरंग से जाने की मिले अनुमति

मनाली-कुल्लू में फंसे लाहौल निवासी विक्रम, संतोष, आशा बौद्ध व टशी का कहना है कि घाटी में खेतीबाड़ी का काम शुरू हो गया है। हवाई सेवा नियमित न होने से उन्हें सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि उन्हें रोहतांग सुरंग से घर जाने की अनुमति दी जाए। बी.आर.ओ. की मानें तो 2 दशक बाद रोहतांग दर्रे में इतनी बर्फ जमा हुई है। हालांकि बी.आर.ओ. ने रोहतांग दर्रे की बहाली का लक्ष्य मई प्रथम सप्ताह रखा हुआ है लेकिन मौसम की विपरीत परिस्थितियां बी.आर.ओ. की दिक्कत को बढ़ा रही हैं।

लाहौल से जुड़ा सिस्सू

दूसरी ओर लाहौल घाटी में बी.आर.ओ. ने सिस्सू को जिला मुख्यालय केलांग से जोड़ दिया है। सीमा सड़क संगठन के कमांडर कर्नल उमा शंकर का कहना है कि बी.आर.ओ. रोहतांग बहाली में जुटा हुआ है।

 

kirti