अब रोहतांग जाना हुआ आम आदमी की पहुंच से दूर, पढ़ें खबर

Friday, May 31, 2019 - 10:40 AM (IST)

मनाली : रोहतांग दर्रे की तरफ जाने वाले वाहनों के दस्तावेज जांचने के लिए जहां जिला प्रशासन ने कोठी में दूसरा बैरियर भी स्थापित कर दिया है वहीं एन.जी.टी. के आदेशों पर सख्ती बरते हुए अब रोहतांग जाना भी मुश्किल हो गया है। प्रशासन की सख्ती के बाद जहां परमिट वाले वाहन ही दर्रे की तरफ जा पा रहे हैं वहीं रोहतांग को देखने की चाह लिए मनाली पहुंच रहे सैलानियों को अपनी इच्छा पूरी करने के लिए जेब भी ढीली करनी पड़ रही है।

एन.जी.टी. के आदेशों पर जहां इस बार 1300 वाहनों को रोहतांग परमिट रोजाना जारी किया जा रहा है वहीं परमिट हासिल करने वाले वाहन चालक सैलानियों से मुंह मांगा किराया वसूल रहे हैं। ऐसे में रोहतांग परमिट को लेकर की गई सख्ती अब सैलानियों पर ही भारी पड़ रही है। पहले जहां मनाली से रोहतांग के लिए टैक्सी 3500 से लेकर 8 हजार रुपए तक में उपलब्ध होती थी, वहीं अब यह दाम इस बार 16 हजार से शुरू होकर 30 हजार रुपए तक पहुंच चुके हैं। लिहाजा टैक्सी चालकों द्वारा बढ़ाया गया किराया सैलानियों पर ही नहीं, बल्कि घाटी के टूअर एंड ट्रैवल का कारोबार कर रहे कारोबारियों पर भी भारी पड़ा है।

ट्रैवल एजैंसियों के कारोबारियों का कहना है कि जो पैकेज उन्होंने सैलानियों को 2 माह पहले दिया था, उस पैकेज का सारा तालमेल ही टैक्सियों का किराया बढ़ने से बिगड़ गया है। ऐसे में उन्हें भी कारोबार में नुक्सान उठाना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि टैक्सियों का किराया बढ़ाया जाने की सूचना प्रशासन के पास नहीं है, लेकिन अगर किराया बढ़ाया गया है तो इस बारे में टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों से बात की जाएगी। यहां बता दें कि अभी सैलानियों के लिए रोहतांग दर्रा बहाल नहीं किया गया है। सैलानी मढ़ी तक ही जा पा रहे हैं। पहली जून से रोहतांग दर्रे को सैलानियों के लिए बहाल किया जाना है। ऐसे में एक तरफ रोहतांग देखने की चाहत तो दूसरी तरफ टैक्सियों के किराए में की गई बढ़ौतरी सैलानियों के लिए आफत बन गई है।

हालांकि प्रशासन इस संबंध में जल्द कार्रवाई करने की बात भी कह रहा है। उल्लेखनीय है कि रोहतांग दर्रे के बहाल होने के बाद जहां रोहतांग परमिट को लेकर धांधली की शिकायतें प्रशासन के पास पहुंची थीं वहीं गुलाबा बैरियर भी चर्चा में चल रहा है। रोहतांग जाने से पहले जहां परमिट को गुलाबा बैरियर पर तैनात कर्मियों द्वारा जांचा जाता था, वहीं बैरियर में तैनात कर्मियों की कार्यप्रणाली ही उस समय सवालों के घेरे में आ गई, जिस समय बैरियर पर एक ही नंबर की 2 गाड़ियां पहुंच गईं।

यही नहीं, दर्रे के रास्ते पर एस.डी.एम. मनाली ने भी औचक निरीक्षण के दौरान कुछ वाहन ऐसे पकड़े थे, जो बिना रोहतांग परमिट के सैलानियों को मढ़ी ले जा रहे थे। ऐसे में उन पर जहां प्रशासन ने कार्रवाई की थी वहीं जुर्माना कर उन्हें ब्लैकलिस्ट भी किया था। सैलानियों का कहना है कि दिल्ली से मनाली पहुंचने में इतने पैसे खर्च नहीं हुए, जितने मनाली से रोहतांग जाने का किराया चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में एक तरफ प्रशासन ने जहां सैलानियों के लिए पहली जून से रोहतांग दर्रा बहाल करने का ऐलान किया है वहीं रोहतांग पहुंचने के लिए सैलानियों को भारी-भरकम किराया अदा करना पड़ रहा है।

टैक्सी आप्रेटरों से बात की जाएगी

डी.सी. कुल्लू यूनुस का कहना है कि रोहतांग जाने के लिए टैक्सी आप्रेटरों द्वारा किराया बढ़ाए जाने की प्रशासन को सूचना नहीं है। इस संबंध में टैक्सी आप्रेटरों से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि सैलानियों के लिए रोहतांग दर्रा पहली जून से बहाल किया जा रहा है।
 

kirti