पहाड़ी से लगातार गिर रहीं चट्टानें, खतरे को देख विभाग ने बंद किया पुल

Friday, Aug 17, 2018 - 06:22 PM (IST)

झंडूता: उपमंडल झंडूता में पडऩे वाली बिलासपुर-झंडूता-तलाई सड़क पर मांडवा पुल के पास भारी मात्रा में मलबा गिरने के चलते 20 अगस्त तक बिल्कुल बंद कर दी गई है। पहाड़ी से गिरते मलबे में दबने से गत वीरवार को छोटे वाहन व ट्रैक्टर चालक बाल-बाल बचे। जब पहाड़ी से मलबा गिरना शुरू हुआ तो चिकनी मिट्टी मांडवा पुल के पास पहाड़ी से गिरनी शुरू हुई, जिससे चिकनी मिट्टी वाहनों को पुल के नीचे की ओर धकेलने लगी। पुल के पास दलदलीयुक्त मिट्टी पडऩे से विभाग ने वीरवार को पुल के दोनों ओर मिट्टी की दीवार लगाकर पुल की आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी है। इससे पहले भारी वर्षा के बाद छोटे वाहनों के लिए खोला गया था लेकिन भारी बरसात के चलते मिट्टी और पत्थरों का गिरना बंद नहीं हुआ, जिसको देखते हुए विभाग ने कोई जानी नुकसान न हो सके इसके चलते आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी है।

क्या कहते हैं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी
उधर, इस बारे में लोक निर्माण विभाग के एस.डी.ओ. पी.के. वर्मा ने कहा कि मांडवा पुल के एक ओर पहाड़ी से दलदल व चट्टानें गिरने के कारण कोई बड़ी घटना न हो, इसके चलते इस सड़क को बिल्कुल बंद कर दिया गया है। इससे पहले यह मार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया था लेकिन पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण जानमाल का नुक्सान न हो, इसे देखते हुए  पुल को बिल्कुल बंद कर दिया गया है। लोगों से आग्रह है कि वह कोटधार से झंडूता के लिए मोटर बोट का इस्तेमाल करें या वाया मलारी-पिपलूघाट रोड से झंडूता आ सकते हैं।

स्कूली छात्र की पत्थर गिरने से हो चुकी है मौत
लोक निर्माण विभाग ने यह पुल ऐसे स्थान पर बनाया है जहां पर पूरा साल पहाड़ी से पत्थर गिरते रहते हैं इससे पहले भी यहां पर एक स्कूली छात्र की पत्थर गिरने से मौत हो गई थी। उक्त छात्र कलोल से पेपर देकर अपने घर बलघाड़ आ रहा था। इसके बावजूद भी प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया। आनन-फानन में बनाया गया यह पुल खतरे से खाली नहीं है। लोक निर्माण विभाग ने यहां पर एक साइन बोर्ड भी लगा रखा है जिस पर लिखा है कि आगे पहाड़ी से पत्थर गिरते हैं सावधानी रखें।

कोटधार से कटा झंडूता क्षेत्र का संपर्क
पुल की आवाजाही बंद होने से झंडूता क्षेत्र का संपर्क कोटधार से बिल्कुल टूट गया है। यहां के लोग अब वाया पीपलूघाट पुल से बरठीं-कलोल-तलाई-जड्डू मरोतन का सफर तय कर रहे हैं, जिसके चलते इन्हें कई किलोमीटर का अधिक सफर करना पड़ रहा है। कुछ लोग गोङ्क्षबदसागर झील में मोटर बोट द्वारा भी वाया नाहराल-झंडूता पहुंच रहे हैं।

Vijay