एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर को टर्मिनेट करना सरकार का सही फैसला : राणा

punjabkesari.in Saturday, Oct 10, 2020 - 04:57 PM (IST)

हमीरपुर : एनआईटी के डायरेक्टर विनोद यादवा को भारत सरकार द्वारा टर्मिनेट करने के फैसले का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि विनोद यादवा ने हमीरपुर एनआईटी का डायरेक्टर रहते हुए शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए भर्तियों को लेकर भारी भ्रष्टाचार किया था। इस मामले को वह शिक्षा मंत्रालय से लेकर पीएमओ तक लगातार उठाते रहे हैं और अब सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी ने डायरेक्टर विनोद यादवा को प्रथम दृष्टि में आरोपों के दोषी पाते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्य व कानून की जीत दर्ज हुई है। भारत सरकार के इस फैसले का वह दिल खोल कर स्वागत करते हैं। क्योंकि डायरेक्टर विनोद यादवा द्वारा एनआईटी में फैलाए गए भ्रष्टाचार से प्रदेश की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा था। इसके साथ ही योग्यतावान प्रतिभाओं को भी इस भर्ती भ्रष्टाचार में कुंठित होना पड़ा था, लेकिन आज सत्य की जीत हुई है व भ्रष्टाचार का मुंह काला हुआ है। 

उन्होंने कहा कि अब विनोद यादवा द्वारा बाहरी राज्यों के भर्ती किए गए लोगों की भी जांच होना जरूरी है, ताकि प्रदेश के लोगों के हितों व हकों की रक्षा हो सके। उन्होंने इस मामले की जांच करने के लिए सीबीआई से भी आग्रह किया है, जबकि विभागीय तौर पर चली जांच में अब विनोद यादवा को दोषी पाते हुए उनकी सरकार ने सेवाएं समाप्त की हैं। इस भर्ती भ्रष्टाचार में लाखों के लेनदेन के भी आरोप लगे थे। जिन बाहरी राज्यों के लोगों व डायरेक्टर के सगे संबंधियों को एनआईटी हमीरपुर में भर्ती किया गया था, उन्होंने नौकरी लगते ही लाखों रुपए के लोन लिए थे।

जिस पर सीधे आरोप लगे थे कि यह लोन नौकरी की एवज में लेनदेन के फंडे को अंजाम देने के लिए लिए गए हैं। उन्होंने एनआईटी के उन तमाम लोगों का भी आभार प्रकट किया है जो लोग एनआईटी डायरेक्टर द्वारा फैलाई गई हिटलरशाही के बावजूद लगातार उन्हें भर्ती भ्रष्टाचार की सूचनाएं प्रदान करवाते रहे हैं। राणा ने मांग की है कि अब जब विभागीय जांच में यह साबित हो चुका है कि डायरेक्टर विनोद यादवा एनआईटी भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी हैं तो मौजूदा एनआईटी प्रशासन को उन पर एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को गलत तरीके से नौकरियां दी गई हैं उन तमाम भर्तियों की जांच एनआईटी प्रशासन करे, ताकि इन नौकरियों के असली हकदार पात्रों को उनका हक मिल सके।
 


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prashant sharma

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