राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के मामलों पर लगेगा अंकुश, विभाग ने निकाला नया तरीका

Sunday, Feb 26, 2017 - 11:33 AM (IST)

सोलन: प्रदेश में राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए राजस्व विभाग ने नया तरीका निकाला है। राजस्व रिकॉर्ड अब आधार नंबर से लिंक होगा। इसके लिए प्रदेश भर में एक अभियान चलेगा। लैंड रिकॉर्ड निदेशक ने इस बारे सभी जिलाधीशों को निर्देश जारी किए हैं। राष्ट्रीय लैंड रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत यह सब किया जा रहा है। राजस्व विभाग की वैबसाइट पर आधार नंबर लिखते ही पूरी भूमि का रिकॉर्ड उपलब्ध हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा, जिनकी अलग-अलग मुहाल व खसरा नंबर पर भूमि है। आधार नंबर से लिंक होने पर इसका ऑनलाइन रिकॉर्ड एक जगह पर ही उपलब्ध होगा। 


अब जमीन का ततीमा भी निकाल सकते हैं
अभी तक ऑनलाइन जमाबंदी या फिर प्रमाण पत्र निकाल सकते थे, लेकिन अब जमीन का ततीमा भी निकाल सकते हैं। सूत्रों की मानें तो लोग घर बैठे भी अपने राजस्व रिकॉर्ड को आधार से लिंक कर सकते हैं। इसके लिए राजस्व विभाग की वैबसाइट पर मुहाल व खसरा नम्बर के साथ अपने आधार नंबर को भी अपलोड कर दें। सम्बन्धित पटवारी द्वारा इसे सत्यापित करने के बाद राजस्व रिकॉर्ड को आधार के साथ लिंक किया जाएगा। राज्य स्तर पर एक वैरीफिकेशन पोर्टल विकसित किया जा रहा है। पटवारी द्वारा सम्बन्धित पटवार सर्कल के भू-मालिकों के आधार नंबर की वैरीफिकेशन की जाएगी। इसके बाद ही राजस्व रिकॉर्ड आधार नंबर से लिंक होगा। 


राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के मामलों पर अंकुश लगेगा
वर्तमान में भी प्रदेश में राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन है, लेकिन यह आधार नंबर से लिंक नहीं है। इसलिए लोगों को अपनी भूमि सम्बन्धित जानकारी लेने के लिए राजस्व विभाग की वैबसाइट पर मुहाल व खसरा नंबर अपलोड करना पड़ता था, लेकिन इसमें उसी खसरा नंबर की भूमि की जानकारी ही उपलब्ध होती थी, जिसको अपलोड किया गया हो। आधार नंबर से लिंक होने पर लोगों को अपनी पूरी जमीन के बारे में जानकारी घर बैठे उपलब्ध हो जाएगी। इसके अलावा राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के मामलों पर अंकुश लगेगा।