स्वर्ग प्रवास से लौटे देवताओं ने की भविष्यवाणी, जानिए कैसा रहेगा वर्ष 2018

Sunday, Feb 25, 2018 - 07:26 PM (IST)

मनाली (सोनू): कुल्लू घाटी के जर्रे-जर्रे में देवआस्था का चमत्कारी प्रभाव अन्य राज्य के लोगों के लिए किसी अचंभे से कम नहीं है लेकिन सदियों से चली आ रही देव अनुकंपा से ही घाटी के समस्त गांव की सत्ता चलती है। देव अनुकंपा का साक्षात उदाहरण रविवार को मनाली के एतिहासिक गांव गोशाल में देखने को मिला। 42 दिनों के बाद स्वर्ग प्रवास से लौटे कुल्लू घाटी के आराध्य देवों ने रविवार को भविष्यवाणी की। देवता के स्वर्ग प्रवास से आते ही देवालय में बंधी घंटियां खोल दी गईं। बंद पड़े रेडिय़ो व टी.वी. भी ऑन हो गए। देवताओं ने गुर के माध्यम से मानव जगत के लिए वर्ष 2018 मिला-जुला बताया। 

गुर व कारकूनों ने बर्फ के बीच पूरी की देवविधि 
स्वर्ग प्रवास से लौटे महाऋषि गौतम-महाऋषि व्यास व कंचन नाग द्वारा रविवार को कुल्लू घाटी के सैंकड़ों लोगों की उपस्थिति में दुनिया भर में होने वाले घटनाक्रम से अवगत करवाया गया। सुबह ही ऐतिहासिक गांव देव वाद्ययंत्रों से गूंज उठा। अपने आराध्य देवों के स्वर्ग प्रवास से लौटने को लेकर उत्सुक ग्रामीणों व देवता के कारकूनों ने देव विधिपूर्वक देवताओं का स्वागत किया। दोपहर बाद देवता के कारकूनों ने देव वाद्ययंत्रों के बीच देव विधि से कार्रवाई शुरू की। समस्त कुल्लू घाटी के लोगों ने गोशाल गांव में दस्तक देकर अपनी उत्सुकता प्रकट की। सभी कारकूनों व देवलुओं के देवालय में पहुंचते ही गोशाल गांव का माहौल भक्तिमय हो उठा। कारकूनों व पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना के बाद विधिपूर्वक मृदा लेप को हटाया गया। देवता के गुर व कारकूनों ने बर्फ के बीच देवविधि को पूरा किया। 

काले बाल व कोयला निकलने से चिंतित दिखे लोग
मृदा लेप से जहां कुमकुम, फूल, अनाज का छिलका, सेब के पत्ते निकलने से ग्रामीण खुश हुए वहीं काले बाल व कोयला निकलने से ग्रामीण चिंतित भी दिखे। देवता ने वर्ष 2018 दुनिया के लिए कुछ अच्छा तो कुछ बुरा बताया है। उन्होंने गुर के माध्यम से घाटी में कहीं सेब की फसल अच्छी तो कहीं कम होने की बात कही। देवता के पुजारी चमन लाल, कारदार हरि सिंह ने बताया कि कुल मिलाकर यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। उन्होंने बताया कि पत्थर व रेत कम मात्रा में निकला है जबकि कुमकुम व सेब के पत्ते अधिक निकले हैं जो सुखद है लेकिन बाढ़ की घटना से भी लोगों को सचेत रहना होगा। 

कोयला कम निकलने से लोग खुश
बहरहाल घाटी के आराध्य देव स्वर्ग प्रवास से लौट आए हैं तथा ग्रामीण देव प्रतिबंध से मुक्त हो गए हैं। गांव में खुशी का माहौल है तथा ग्रामीण उत्सव मनाने में व्यस्त हो गए हैं। इस बार कोयला कम निकलने से लोग खुश हैं। पिछले कुछ सालों में कुल्लू घाटी ने आगजनी में बहुत कुछ खोया है। पंचायत प्रधान प्रताप ठाकुर ने सभी घाटीवासियों को फागली उत्सव की बधाई दी। देवता के स्वर्ग प्रवास से लौटते ही मनाली की उझी घाटी में फागली उत्सव की धूम शुरू हो गई है।