रिटायर्ड टीचर मर्डर मामला : 40 साल से फलाहार पर रहा जिंदा, लाइलाज रोगों का करता था इलाज

Tuesday, Jun 20, 2017 - 11:44 PM (IST)

घुमारवीं: उपमंडल कपाहड़ा में एक सिरफिरे के हाथों अपनी जान गंवाने वाले रिटायर्ड टीचर लेखराम कोई मामूली शख्स नहीं थे। लेखराम के भीतर अध्यात्म व योग में गहरी रुचि की वजह से अर्जित उस अज्ञात शक्ति का ही नतीजा था कि पिछले करीब 40 वर्षों से उनका जीवन सिर्फ फलाहार से ही चल रहा था। अद्भुत अध्यात्मिक ताकतों के बावजूद गांव में सादी व साधारण जिंदगी जी रहे लेखराम के भीतर परोपकार की एक अलग ही धुन देखने को मिलती थी। अपने अंदर विकसित की गई विभिन्न अज्ञात शक्तियों के बूते वह सिर्फ  बिलासपुर ही नहीं बल्कि पूरे उत्तरी भारत के अलग-अलग हिस्सों से यहां पहुंचने वाले लोगों के उन रोगों का इलाज करते थे, जिनसे छुटकारा पाने में विज्ञान ने हाथ खड़े कर दिए हों। 

इलाज का नहीं लेते थे एक भी पैसा
सोमवार को उनकी हत्या की खबर ने जिले को तो हिलाया ही बल्कि दूर-दूर तक लोग सकते में आ गए। लोगों को अचंभा इसलिए भी हुआ कि जिस व्यक्ति ने ताउम्र लोक कल्याण में गुजार दी, उनके इस तरह से हादसे में अंत पर यकीन नहीं हो रहा था। लेखराम के बड़प्पन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तमाम किस्म के असाध्य रोगों के इलाज के लिए वह किसी से एक पैसा तक नहीं लेते थे।

दूसरे राज्यों के लोग पुकारते थे बाबा 
दिल्ली व दूसरे राज्यों से यहां इलाज के लिए आने वाले लोग तो इन्हें बाबा कहकर पुकारते थे। राजपाल शर्मा का कहना है कि लेखराम कुछ अद्भुत शक्तियों से लोगों का इलाज करते थे। इसमें कुदरती तौर के कुछ मिश्रणों का इस्तेमाल करते हुए इन्हें दवा के रूप में लोगों को देते थे और लोग ठीक हो जाते थे। वह अक्सर लोगों को प्रेरित करते थे कि किसी भी प्रकार के अंधविश्वास में न पड़े और सिर्फ  परम पिता परमात्मा में विश्वास करते हुए आगे बढें। 

 नशे का आदी है आरोपी युवक 
राज पाल शर्मा के अनुसार उसे भी अब परिवार के लोगों व दूसरे लोगों से पता चला है कि युवक खुद को तथाकथित भूत-प्रेत से संबंधित बीमारी का रोगी बताकर अपना इलाज करवाने के लिए लेखराम पर दबाव बना रहा था लेकिन लेखराम कई बार सभी के सामने कह चुके थे कि आरोपी युवक मनोज कुमार नशे का आदी है और उसे कोई दूसरे प्रकार की बीमारी नहीं है। इस बात से खीझकर लेखराम की उसने दराट से हत्या कर दी।