रिटायर वरिष्ठ IAS अधिकारी ने खोला मोर्चा, भ्रष्टाचार व अनियमितता के 5 मामलों पर मांगी FIR

Saturday, Sep 01, 2018 - 10:58 PM (IST)

शिमला (विकास): पूर्व कांग्रेस सरकार में हाशिए पर रहे सेवानिवृत्त वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी दीपक सानन ने प्रदेश सरकार से भ्रष्टाचार व अनियमितता से जुड़े 5 मामलों को लेकर एफ.आई.आर. दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने इन मामलों में तत्कालीन सरकार व अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं, साथ ही हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से इन मामलों पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है ताकि भ्रष्टाचार व अनियमितता से पर्दा उठ सके। दीपक सानन ने यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार व अनियमितता के 5 मामलों का उल्लेख किया। इसमें सोलन जिला के बड़ोग के 1 निजी होटल, शिमला के 1 निजी अस्पताल, शिमला जिला के 1 प्रतिष्ठित होटल, कुल्लू जिला के 1 रोप-वे और शिमला जिला के रामपुर स्थित 1 मंदिर के मामले को सामने लाया है।

बड़ोग में निजी होटल के मामले में हुई धारा-118 के तहत अवहेलना
उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ोग में निजी होटल के मामले को लेकर धारा-118 के तहत अवहेलना हुई है। उन्होंने दावा किया कि जो पार्टी कोर्ट में केस हार गई, उस पर सरकार की तरफ से मेहरबानी की गई। इसी तरह उन्होंने शिमला के 1 निजी अस्पताल के मामले में धारा-118 के तहत लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कुल्लू जिला में 1 रोप-वे के पक्ष में लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले खारिज मामले को फिर से मंत्रिमंडल की तरफ से अनुमति दिया जाना कई सवाल खड़े करती है।

मंदिर को 20.50 लाख रुपए दिए जाने पर भी उठाए सवाल
शिमला जिला के रामपुर में एक मंदिर को 20,50,500 रुपए दिए जाने पर भी उन्होंने सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे मंदिर प्रबंधन को लाभ पहुंचा। शिमला के 1 प्रतिष्ठित होटल के मामले में भी उन्होंने सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित होटल से सरकार को सालाना 1 करोड़ रुपए आने के अलावा 40 साल बाद यह सरकारी प्रापर्टी हो जाएगी, लेकिन इस मामले को लेकर सरकार न्यायालय में प्रभावी तरीके से पैरवी नहीं कर रही है।

मुख्य सचिव को पत्र लिखने के बाद कोर्ट जाने का विकल्प खुला
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मामला उठाया है। इसमें डल्हौजी में लैंड लीज के 1 अन्य मामले को भी उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इसका अब तक उनको कोई उत्तर नहीं मिला है लेकिन वर्तमान सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ऐसे मामलों की जांच करवाए जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन मामलों को लेकर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होता तो उनके पास कोर्ट में जाने का विकल्प भी खुला है।

सेवानिवृत्ति के बाद मामलों को उजागर करना गलत नहीं
दीपक से जब यह पूछा गया कि सरकार में रहते हुए उन्होंने इन मामलों को क्यों नहीं उठाया तो उन्होंने कहा कि क्या सेवानिवृत्ति के बाद इसे उजागर करना गलत है? उन्होंने कहा कि भविष्य में भी यदि कोई मामला उनके संज्ञान में आता है या फिर कोई उनको तथ्यों के साथ उपलब्ध करवाता है तो उसे उजागर करने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में कुछ मंत्री मंत्रिमंडल को सुप्रीम मानते थे लेकिन संविधान से ऊपर न तो नेता है और न ही अधिकारी।

Vijay