अवैध वन कटान मामले में रिटायर फोरैस्ट गार्ड चार्जशीट

Saturday, Jan 20, 2018 - 01:09 AM (IST)

शिमला: राजधानी से सटी कोटी की फनेवट बीट में अवैध वन कटान मामले में कुछ कर्मचारी जांच के लपेटे में आ गए हैं। पी.सी.सी.एफ. एस.के. शर्मा की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण कपूर को सौंप दी है। इसमें रिटायर फोरैस्ट गार्ड को चार्जशीट करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में 2 अन्य ब्लॉक ऑफिसर (बी.ओ.) को भी चार्जशीट करने की सिफारिश की गई है। कमेटी की सिफारिश पर 30 दिसम्बर, 2017 को रिटायर हुए फोरैस्ट गार्ड को चार्जशीट कर लिया गया है। इसकी पुष्टि ए.सी.एस. तरुण कपूर ने की है।

आरोपी ने 416 पेड़ों पर चलाई कुल्हाड़ी 
बता दें कि फनेवट बीट में भूपराम ने देवदार, चीड़ और बान के 416 पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई है। बीते 30 दिसम्बर को यहां का फोरैस्ट गार्ड रिटायर हुआ और जनवरी में नए गार्ड ने ड्यूटी ज्वाइन की। इसके बाद वन विभाग ने 10 जनवरी को ग्रुप पैट्रोलिंग की तो दर्जनों पेड़ काटे जाने का पता चला। इसके दूसरे दिन रेंज ऑफिसर अनु ठाकुर और फोरैस्ट गार्ड ने इसकी एफ.आई.आर. ढली थाना में दर्ज करवाई। इसके बाद वन मंत्री गोविंद ठाकुर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पी.सी.सी.एफ. वन एस.के. शर्मा की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की और कमेटी को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा। इस कमेटी ने 24 पन्नों की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को सरकार को सौंप दी है।

4 साल से कटते रहे पेड़, कर्मचारियों ने नहीं लगने दी भनक
रिपोर्ट में पूर्व फोरैस्ट गार्ड और बी.ओ. को दोषी बताया गया है, क्योंकि फनेवट बीट में एक-दो नहीं बल्कि 4 साल से पेड़कटते रहे लेकिन किसी भी कर्मचारी ने इसकी भनक तक नहीं लगी। ये देखते हुए इन कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है, वहीं लगातार 3 दिन चली निशानदेही के बाद एक रोज पहले ही राजस्व विभाग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसमें अवैध कटान वाली वनभूमि निकली है, ऐसे में अब पेड़ काटने वाले भूपराम के खिलाफ भी जल्द पुलिस सख्त कार्रवाई अमल में लाएगी। फनेवट बीट में ये पेड़ करीब अढ़ाई हैक्टेयर में काटे गए हैं। अब वन विभाग ने इस जमीन की फैंसिंग करवा दी है।

उद्योग विभाग को स्थिति स्पष्ट करने को कहा
वन विभाग ने उद्योग विभाग को भी चिट्ठी लिखकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है, क्योंकि पेड़ काटने वाला व्यक्ति लगातार दावे कर रहा था कि उसने अपनी निजी भूमि पर पेड़ काटे हैं और कभी वो उद्योग विभाग के परमिशन की बात कहकर क्षेत्र लोगों को भी गुमराह करता रहा। अवैध वन कटान के साथ-साथ भूपराम खनन भी लंबे समय से कर रहा था, ऐसे में उद्योग विभाग से पूछा गया है कि क्या उसे खनन की परमिशन दी थी? यदि हां तो किस आधार पर अनुमति दी गई।