सरकार ने PMO को सौंपी शिमला में पानी संकट की रिपोर्ट

Tuesday, Jun 12, 2018 - 11:56 AM (IST)

शिमला: राज्य सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल शिमला में गहराए पेयजल संकट की रिपोर्ट पी.एम.ओ. को सौंप दी है। रिपोर्ट में मौजूदा समय में पेयजल स्थिति को सामान्य बताया गया है तथा भविष्य में जल संकट से निपटने के उपायों का भी उल्लेख किया गया है। जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार आगामी १ वर्ष के भीतर चाबा से 10 एम.एल.डी. पानी उपलब्ध करवाएगी, जिस पर 80 करोड़ रुपए व्यय होंगे। इसके अलावा ऐसी दीर्घकालीन योजनाओं पर सरकार कार्य कर रही है, जिससे आगामी 50 से 60 वर्षों तक पेयजल संकट की स्थिति पैदा न हो। रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर मई और जून के महीनों में इस तरह की स्थिति से पिछले कई वर्षों से जूझ रहा है लेकिन पिछली सरकार ने इस समस्या के समाधान को कोई प्रयास नहीं किया।

शिमला में बीते दिनों गंभीर जल संकट की स्थिति पैदा हुई
इस बार सर्दियों में वर्षा एवं बर्फबारी कम हुई है, जिससे जल संकट की स्थिति पैदा हुई है। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 34 एम.एल.डी. पानी उपलब्ध होने पर भी शहर में जल संकट की स्थिति पैदा हुई थी जबकि इस वर्ष 22 एम.एल.डी. से भी कम पानी उपलब्ध होने पर बहुत कम समय में जलापूॢत को सामान्य बनाया गया। उल्लेखनीय है कि शिमला में बीते दिनों गंभीर जल संकट की स्थिति पैदा हुई थी, जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिमला सुॢखयों में रहा। जल संकट के बीच पी.एम.ओ. ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी। इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वयं पी.एम.ओ. को सौंपा है।

इस विषय पर पीएम ने  जयराम से बात की
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस विषय पर बात भी की। उनके निर्देश पर केंद्रीय जल आयोग की टीम को शिमला भेजा गया, जिसने गिरि, चाबा व गुम्मा का दौरा किया। टीम ने भी शिमला को जल संकट से निजात दिलाने के उद्देश्य से दीर्घ व लघु अवधि की योजनाएं बनाने के अलावा शहर के 50 प्राकृतिक जल स्रोतों के पानी को ट्रीट कर पीने योग्य बनाने का सुझाव भी दिया था। केंद्रीय जल आयोग की टीम के दिल्ली लौटने के बाद प्रदेश सरकार की तरफ से पी.एम.ओ. को जल संकट व इसके समाधान की भावी योजनाओं को लेकर रिपोर्ट सौंपी गई है।
 

kirti