किराया बढ़ोतरी को लेकर जीएस बाली ने सरकार को घेरा, दिए सुझाव

Friday, Sep 14, 2018 - 09:49 AM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): पैट्रोल-डीजल के दामों के साथ-साथ प्रदेश में किराया बढ़ोतरी को लेकर पूर्व परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने सरकार को घेरते हुए आरोप लगाए हैं कि किराए में बढ़ोतरी करना इसका समाधान नहीं है बल्कि दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश सरकार को भी पैट्रोल-डीजल में वैट व अन्य टैक्सों को कम कर देना चाहिए, ताकि पैट्रोल-डीजल के दामों में कुछ राहत लोगों को मिले। उन्होंने कहा कि किराए में बढ़ोतरी करने से जनता को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि उनके ऊपर और आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। यदि सरकार पैट्रोलियम पदार्थों में वैट को कम कर देती है तो उसका लाभ जनता के साथ-साथ आम ऑप्रेटरों को भी होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार बढ़े-बढ़े उद्योगपतियों को सीधा लाभ पहुंचा रही है और गरीब आदमियों को महंगाई की मार दे रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार को एक आसान रास्ते पर चलना चाहिए न कि किराया बढ़ाकर जनता पर और बोझ डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को रियायतें सरकार दे रही है उसको न देकर गरीब जनता को लाभ पहुंचाना चाहिए। पैट्रोल व डीजल के दामों के बढ़ने पर किराए की बढ़ोतरी की मांग कर रहे निजी बस ऑप्रेटरों की हड़ताल पर पूर्व परिवहन मंत्री ने कहा कि यह लोकतंत्र है इसमें सभी को हक है कि वे अपना-अपना पक्ष रखें। अभी भी बस आप्रेटर सब्सिडी पर ही बसें चला रहे हैं जबकि परिवहन निगम की बसों पर कोई भी सीधी सब्सिडी नहीं दे सकता है। 

बाली ने कहा कि किराया बढ़ोतरी के बावजूद भी यह निजी बस ऑप्रेटर सवारियों को सब्सिडी देती है जबकि एच.आर.टी.सी. कोई भी सब्सिडी नहीं दे सकता, जिससे सवारियां निजी बसों में यात्रा करेंगी। उन्होंने कहा कि अब यह सरकार को फैसला लेना है कि यदि किराए में बढ़ौतरी की जाती है तो निजी बस ऑप्रेटरों को भी वे सेवाएं मुफ्त देनी चाहिएं जो सेवाएं निगम द्वारा दी जा रही हैं, जिसमें हैंडीकैप, स्वतंत्रता सेनानी, वार विडो व बच्चों को फ्री सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि प्राइवेट बस आप्रेटर यह नहीं करते हैं तो यह गलत बात होगी कि मक्खन तो खा लें और छाछ किसी और को दे दें। 

सरकार बताए क्यों खड़ी हैं नीली बसें
जे.एन.आर.यू.एम. योजना के तहत पिछली सरकार के समय में आईं बसें लंबे समय से खड़ी रहने पर जी.एस. बाली ने कहा कि सरकार को इस बात पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि यह बसें क्यों खड़ी हैं। सरकार इस बात पर अपना पक्ष रखे। नीली बसें क्लस्टर के हिसाब से प्रदेश को केंद्र सरकार ने दी हैं, उसके बाद यह बसें प्रदेश को ग्रांट में मिली हैं। बस अड्डों पर पूछे गए सवाल पर बाली ने कहा कि उनके समय एक दर्जन से ऊपर नए बस अल्ट्रा मॉडर्न बस स्टैंड स्थापित किए गए हैं, जोकि बहुत बड़ी उपलब्धि है और अब सरकार को यह चाहिए कि इन बस अड्डों को बेहतरीन ढंग से चलाए। उन्होंने कहा कि कुछ बस स्टैंड दोबारा से बनाने के लिए सारी औपचारिकताएं हमारी सरकार द्वारा पूरी कर ली गई थीं अब यदि सरकार के मंत्री व विधायक उनको न करवाए तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। जी.एस. बाली ने कहा कि उनकी सरकार के समय प्रदेश में निगम को एक ऐसी ऊंचाई पर पहुंचा दिया था, जहां पर प्रदेश में न के बराबर वोल्वो होती थीं जोकि आब 100 से ऊपर हो गई हैं। रोड सेफ्टी व जी.पी.एस. आदि पर कार्य शुरू करवाया।

पूर्व मंत्री को मलाल, अवैध रूप से चल रही बसें 4 गुना हो गईं
पूर्व परिवहन मंत्री बाली ने कहा कि उनको अपने कार्यकाल में एक मलाल जरूर रहा है कि अवैध रूप से जो बसें चल रही थीं उनको रोकने का पूरा प्रयास उनके समय में किया गया है लेकिन अब मलाल इस बात है कि अवैध रूप से चलने वाली यह बसें 4 गुना हो गई हैं। जयराम सरकार पर आरोप लगाते हुए जी.एस. बाली ने कहा कि सरकार में फिलहाल न कोई कमी है और न ही कोई खूबी है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में कोई सरकार नहीं है और यह सरकार मात्र तबादलों की सरकार बन गई है।

Ekta