नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामला: इंजेक्शन पर लगी लेबल खोलेगी कई राज

Sunday, Apr 18, 2021 - 11:58 AM (IST)

डमटाल (सिमरन) : इंदौरा के गांव सूरजपुर में दवा उद्योग पर लगे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने के आरोपों के बाद अब प्रदेश स्वास्थ्य विभाग यह साक्ष्य जुटाने में लगा हुआ है कि सूरजपुर में बने इंजेक्शन पर लगी लेबल कहां पर बनाई गई हैं तथा इसके बाद ही सारी बातों का खुलासा हो पाएगा। वहीं प्रदेश स्वास्थ्य विभाग इंदौर प्रशासन के साथ भी संर्पक साध रहा है कि पकड़े गए आरोपी से पूछताछ में सूरजपुर से संबंधित ओर क्या जानकारियां पुलिस को पता चली है। उसके बाद ही ओर छापेमारी प्रदेश में भी हो पाएंगी। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें बद्दी में भी जांच कर रही है कि वैक्सीन पर लगी लेबल बद्दी एरिया से तो नहीं भेजी गई है। सूरजपुर में दवा उद्योग पर लगे नकली इंजेक्शन बनाने के आरोप में राज्य स्वास्थ्य विभाग अपनी जांच आगे बढ़ा रहा है इसके लिए स्वास्थ्य विभाग मध्यप्रदेश के इंदौर प्रशासन से भी सम्पर्क साधे हुए हैं।

मामले की जांच में जुटे स्वास्थ्य विभाग के स्टेट ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाहा ने बताया कि विभाग विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर अपनी जांच आगे बढ़ा रहा है। विभाग को मात्र इंदौर प्रशासन द्वारा ज्ञात हुआ है कि कोरोना महामारी में उपयोग होने वाले रेमडेसिविर वैक्सीन की खेप इंदौर में पकड़ी गई है जिसको इंदौर प्रशासन द्वारा नकली बताया जा रहा है और उस पर लगी लेवलिंग कांगड़ा के सूरजपुर दवा उद्योग की बताई जा रही है इसको लेकर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा उद्योग में दबिश देकर साक्ष्यों ओर दस्तावेजो को अपने कब्जे में लिया है। इंदौर प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद ही सूरजपुर वैक्सीन गोरखधंधे से पूरी तरह स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उद्योग के पास ऐसा कोई लाइसेंस नहीं है कि वो इन इंजेक्शन का उत्पादन अपने उद्योग में कर सके। शुक्रवार को डमटाल के सूरजपुर में स्थित दवा उद्योग में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीते दिन दबिश के बाद उद्योग से विभाग ने साक्ष्य जुटाए और अन्य दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिया था जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक आगामी आदेशों तक उद्योग का उत्पादन कर दिया गया है। थाना प्रभारी डमटाल हरीश गुलेरिया ने बताया कि इंदौर पुलिस द्वारा अभी तक डमटाल पुलिस से कोई सम्पर्क नहीं साधा गया है उनके सम्पर्क के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
 

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prashant sharma