आखिर यह कैसी आस्था: धार्मिक स्थल पीरनिगाह में लंगर के नाम पर अनाज की बेकद्री

Sunday, Jun 24, 2018 - 02:11 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): धार्मिक स्थलों पर लोग आस्था के साथ तो आते हैं लेकिन वह इन स्थलों के आसपास गंदगी फैलाकर न केवल दूसरों के लिए असुविधा पैदा करते हैं बल्कि खुद भी आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं। बड़ी संख्या में लोग जिस श्रद्धाभाव के साथ पहुंचते हैं यदि यह श्रद्धा का भाव प्रकृति के प्रति भी दिखाया जाए तो शायद पूरा वातावरण ही बदल जाए। अनेक लोग लंगरों का आयोजन करते हैं परन्तु इनमें अनाज की बेकद्री की जाती है। इसके बाद बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थों को खुले में फैंक दिया जाता है। इससे न केवल अनाज की बर्बादी होती है बल्कि इससे जगह-जगह गंदगी का माहौल भी पैदा होता है। लंगरों के दौरान फैंकी गई पतलों एवं अन्य प्लास्टिक युक्त सामग्री से पूरा वातावरण प्रदूषित होता है। 


श्रद्धापूर्व किया गया यह कार्य कहीं न कहीं लोगों के लिए असुविधा का कारण बन जाता है। धार्मिक स्थलों में असंख्य लोग पहुंचते हैं। ऐसे में वह अपने साथ लाए गए कचरे और प्लास्टिक युक्त सामग्री को खुले में फैंक देते हैं। इस वजह से जगह-जगह गंदगी के ढेर लगते हैं। इससे बीमारियां फैलती हैं। पुण्य कमाने आए लोग कहीं न कहीं दूसरों के लिए बीमारियों का माहौल पैदा कर देते हैं। यह पुण्य जाने अनजाने में दूसरों के लिए संकट पैदा कर जाता है। जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर धार्मिक स्थल पीरनिगाह असंख्य लोगों की आस्था का केंद्र बिन्दु है। यहां पंजाब सहित दूसरे राज्यों से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। 

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल होने के बावजूद यहां की पहाड़ियों पर गंदगी का साम्राज्य साफ देखा जा सकता है। जगह-जगह प्लास्टिकयुक्त कचरा सामग्री के ढेर लगे हुए हैं। इसी वजह से यहां मक्खी व मच्छरों का साम्राज्य बन चुका है। लंगर लगाने के बाद यहां काफी तादाद में पकी हुई भोजन सामग्री को खुले में फैंका गया है। यही नहीं यहां पर कुछेक दुकानों में बनी हुई मिठाइयां खुले में रखी गई हैं। इन पर मक्खी व मच्छरों का साम्राज्य है। प्रसाद के रूप में दी जाने वाली सामग्री को ढककर रखने और उसका सही ढंग से भंडारण करने की बजाय खुले में ही रखा गया है। 


आस्था के साथ प्रसाद खरीदने व मिठाइयां लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह बड़ा गंभीर खतरा है। कुछेक दुकानदारों को छोडक़र काफी ज्यादा प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों ने प्रसाद एवं मिठाइयों को ढककर रखने की कोई व्यवस्था नहीं की है। पीरनिगाह मंदिर समिति के उपप्रधान गुरदेव सिंह का कहना है कि मंदिर समिति ने सफाई के लिए बाकायदा कर्मचारी रखे हैं। इसके बावजूद बाहर से आने वाले श्रद्धालु यहां कचरा फैंकते हैं। लंगर लगाने वाली संस्थाएं बाद में खुले में ही खाद्य सामग्री को फैंक जाती हैं। हालांकि उन्हें ऐसा करने से रोका जाता है। गुरदेव सिंह का कहना है कि प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों को हिदायतें दी गई हैं कि वह प्रसाद को खुले में न रखें। सफाई का ध्यान रखें। प्रसाद खरीदने वालों को भी सावधानी बरतनी चाहिए। 
 

Ekta