बधमाणा सिद्ध में मिलती है चर्म रोग से मुक्ति, श्रद्धालुओं की भीड़ का लगा रहता है तांता

Saturday, May 18, 2019 - 12:18 PM (IST)

दौलतपुर चौक : अम्ब उपमंडल के अंतर्गत धार्मिक स्थान बधमाणा सिद्ध की दूर-दूर तक मान्यता है। ज्येष्ठ व आषाड़ महीनों में जब गर्मी का मौसम अपने चरम पर होता है तो इस धार्मिक स्थान में प्रत्येक शनिवार को मेला लगता है। 18 मई शनिवार से शुरू हो रहे यह मेले लगातार 2 माह मानसून आने तक चलते है जिसमें दूरदराज के स्थानों से भारी संख्या में श्रद्धालु इस धार्मिक स्थान पर आकर नतमस्तक होते हैं। यह इस क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय धार्मिक मेला माना जाता है जिसमें हर कोई शिरकत करता है।

यह धार्मिक स्थान ङ्क्षचतपूर्णी मंदिर और भद्रकाली मंदिर के बीच पड़ती जंगली धार के ठीक मध्य में स्थित है। हालांकि अब यह धार्मिक स्थान सड़क सुविधा से जुड़ चुका है लेकिन दशकों पूर्व इस स्थान पर पहुंचने के लिए श्रद्धालु केवल पहाड़ी खड्ड रास्तों के जरिए ही यहां पहुंचते थे। प्राकृतिक छटा से सराबोर इस धार्मिक स्थान पर पहुंचकर मन को असीम शांति की अनुभूति मिलती है। इस धार्मिक स्थान पर किसी भी प्रकार के चर्म और आंखों के रोगियों को जल व विभूति लगाने से ही पूरी तरह निजात मिल जाती है। क्षेत्र के लोग ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी होने पर इन मेलों में शिरकत करने के लिए यहां पहुंचते हैं।

 

श्री सिद्ध बाबा अजिपाल जी का इतिहास

बधमाणा गांव में श्री सिद्ध बाबा अजिपाल जी एक पिंडी के रूप में पहाड़ी गुफा में विराजमान हैं, जिसे बधमाणा सिद्ध के नाम से जाना जाता है। महंत जगदेव सिंह व कुलवीर सिंह बताते हैं कि 12वीं शताब्दी के दौरान उनके वंशज विजय सिंह गांव के जंगल में पशु चराने जाते थे। यहां उन्होंने श्री सिद्ध बाबा अजिपाल जी को एक झाड़ी के नीचे तपस्या में लीन पाया। धीरे-धीरे उन दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढऩे लगा और इस दौरान उक्त स्थान पर कई चमत्कारी घटनाएं घटने लगीं। जब वरदान मांगने की बात आई तो विजय सिंह ने श्री सिद्ध बाबा अजिपाल जी को ही मांग लिया। माना जाता है कि उसी समय से श्री सिद्ध बाबा अजिपाल जी इस स्थान पर पिंडी के रूप में यहां एक ऊंची पहाड़ी गुफा में विराजमान हैं। तभी से इस धार्मिक स्थान की सेवा विजय सिंह के वंशज करते आ रहे हैं, जिन्हें बधमाणिएं कहा जाता है।

इस स्थान पर नहीं होता है गर्मी का एहसास

बेशक इस समय ऊना जिला का तापमान बेहद तपिश भरा है मगर इस धार्मिक स्थान पर हमेशा सुहावना मौसम रहता है जिसके चलते यहां मेले के दौरान भारी तादाद में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। पहाडिय़ों के बीच खड्ड किनारे धार्मिक स्थान होने के कारण यहां गर्मी का कतई एहसास नहीं होता है। मेलों के दौरान जो भी श्रद्धालु इस स्थान पर पहुंचता है, वह गर्मी से निजात पाने के लिए पूरा दिन यहां पड़ाव डाले रखते हैं।

25 को लगेगा भंडारा

 

बधमाणा सिद्ध मेलों के दौरान बधमाणिएं वंशज की ओर से श्रद्धालुओं की उन्नति व सुख-समृद्धि के लिए यहां 25 मई को हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
 

 

 

 

kirti