Curfew में ढील ने बढ़ाई शांता की चिंता, जानिए CM Jairam से क्या किया आग्रह

Tuesday, Apr 28, 2020 - 06:51 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): बाजार खोले जाने का निर्णय, कर्फ्यू में ढील की अवधि को बढ़ाना, बाजारों में जमघट, सड़कों पर वाहनों की कतारें ये बातें पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार को चिंतित करने लगी हैं, ऐसे में शांता कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। बकौल शांता कुमार प्रदेश को कोरोना मुक्त बनाने की दिशा में हिमाचल सफलता के साथ आगे बढ़ा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और जनता को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई परंतु थोड़ी-सी दी गई छूट के कारण अधिक भीड़ लगने लगी है। मुख्यमंत्री एक बार फिर से तुरंत पुनर्विचार करें।

प्रदेश की सीमा पर लगने लगा जमघट

शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश की सीमा पर बाहर से आने वालों का जमघट लगने लगा है, इतने लोगों की जांच संभव नहीं है। उन्हें 14 दिन घर पर ही रहने को कहा जा रहा है। वे एकांत में रहने के लिए नहीं आए हैं। नियमों का पालन संभव नहीं। पालमपुर की सड़कों पर अधिक भीड़ दिखाई दे रही है। बाहर से आने वालों का प्रवेश प्रतिदिन इतना हो कि उनकी पूरी जांच हो सके और उन्हें नियम के अनुसार क्वारंटाइन किया जा सके। हिमाचल प्रदेश में लॉकडाऊन के कारण जो सफलता प्राप्त की है उसे संभालकर रखने के लिए और अधिक सावधानी की आवश्यकता है। आज की भीड़ व असावधानी से चिन्तित हुआ हूं।

पिछले 2 दिनों में बड़ी संख्या में हिमाचल लौटे लोग

विदित रहे कि लंबे समय से दूसरे प्रदेशों में कार्यरत तथा अध्ययनरत प्रदेश से संबंधित लोगों की बड़ी संख्या में पिछले 2 दिनों में आवक प्रदेश में हुई है। प्रदेश की सीमाओं में पहुंचने वाले इन लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है, वहीं बाजार खुलने के पश्चात बाजारों में भी भारी भीड़ उमड़ रही है, ऐसे में सोशल डिस्टैंसिंग की अनुपालना में भी कोताही हो रही है, इन्हीं बातों को लेकर शांता कुमार ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से पुनर्विचार का आग्रह किया है।

ईमानदारी से करें कर्तव्य का पालन

शांता कुमार ने चाफेकर बन्धुओं के बलिदान की चर्चा भी की है। उन्होंने कहा कि एक मां के 3 बेटे और तीनों आजादी की लड़ाई में बारी-बारी फांसी पर लटकाए गए और सबसे बड़ी बात तीसरे बेटे को मां ने स्वयं स्वीकृति दी। विश्व इतिहास में यह अपने प्रकार का पहला उदाहरण है जहां एक मां के 3 बेटे और तीनों ने देश के लिए बलिदान दे दिया। उन शहीदों ने अपना बलिदान देकर देश को आजादी दिलाई। उस आजादी को संभलकर रखने के लिए एक ही आवश्यकता है कि सब ईमानदारी से अपने कत्र्तव्य का पालन करें।

Vijay