क्षेत्रीय अस्पताल में नहीं चलाई जा रही लिफ्ट, मरीजों को सीढ़ियों या रैंप से ढोने को मजबूर तीमारदार

Thursday, Oct 03, 2019 - 07:22 PM (IST)

ऊना (विशाल): खरीद और रिपेयर के लिए लाखों रुपए खा चुकी क्षेत्रीय अस्पताल ऊना की लिफ्ट अर्से से ठीक के होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा ठप्प रखी जा रही है। इसको चलाने के लिए ऑप्रेटर और इलैक्ट्रीशियन का तर्क देते हुए अस्पताल प्रबंधन अपना पल्ला तो झाड़ रहा है लेकिन इसका खमियाजा काफी समय से मरीजों और उनके तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है। इस ओर अस्पताल प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। विभिन्न बैठकों में लिफ्ट चालू करने का मुद्दा सामने रखा जाता है लेकिन हर बार इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

लाखों खर्चे लेकिन ठप्प पड़ी है लिफ्ट

मरीजों और तीमारदारों की सहूलियत के लिए 3 मंजिला क्षेत्रीय अस्पताल में लाखों रुपए खर्च करके लिफ्ट लगाई गई थी। इसको चालू हालत में रखने के लिए मुरम्मत के लिए भी लाखों रुपए अब तक खर्च किए जा चुके हैं। उखड़ती सांसे लिए लिफ्ट हिचकोले खाती ऊपर-नीचे आती-जाती रही लेकिन अर्से से यह अब तक बंद पड़ी है। मरीजों को जैसे-तैसे करके ऊपरी मंजिल पर पहुंच कर इलाज करवाने को मजबूर होना पड़ रहा है लेकिन मरीजों व तीमारीदारों की दिक्कतों से किसी को  कोई लेना-देना नहीं लग रहा है।

कर्मी की तैनाती के फेर में मरीज रखे जा रहे वंचित

कारण यह नहीं है कि लिफ्ट खराब है लेकिन कुछ रिक्रूटटमैंट करने के फेर में अस्पताल प्रशासन द्वारा इसको जान-बूझकर रोके रखा गया है। लिफ्ट पूरी तरह ठीक है लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस लिफ्ट पर ऑप्रेटर या इलैक्ट्रीशियन की तैनाती करना चाहता है। इस तैनाती के मुद्दे को आरकेएस की मीटिंग के साथ-साथ विभिन्न स्तरों पर अस्पताल प्रबंधन उठा चुका है लेकिन अब तक तैनाती नहीं हो पाई है। तैनाती करवाने के चक्कर में अस्पताल प्रशासन लिफ्ट को जान-बूझकर चालू नहीं कर रहा है जिसके चलते मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

ऊपरी मंजिलों पर हैं विशेषज्ञों के कमरे

गौरतलब है कि क्षेत्रीय अस्पताल की ऊपरी मंजिलों पर न केवल वार्ड और स्पैशल रूम स्थित हैंं, वहीं डायलसिस सैंटर, पीजीआई के चिकित्सक, डैंटिस्ट, नेत्र चिकित्सा, स्त्री रोग विशेषज्ञों की सुविधा भी ऊपरी मंजिलों पर मौजूद है। इन सुविधाओं को पाने के लिए रोजाना ही सैंकड़ों मरीज व तीमारदार अस्पताल पहुंचते हैं। मरीजों को ऊपरी मंजिलों तक पहुंचाने के लिए तीमारदारों को सीढ़ियों व रैंप का सहारा लेते हुए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। सबसे अधिक तकलीफ डायलसिस के लिए आने वाले मरीजों व तीमारदारों को होती है।

क्या कहते हैं अस्पताल के एसएमओ

क्षेत्रीय अस्पताल के एसएमओ डॉ. रामपाल का कहना है कि इस मुद्दे को हाल ही में हुई बैठक में भी रखा गया था लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक हल नहीं हो पाया है। लिफ्ट पूरी तरह से ठीक है लेकिन इसको चलाने के लिए ऑप्रेटर/इलैक्ट्रीशियन की जरूरत है, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

Vijay