तिब्बतियों के लिए रिफ्यूजी शब्द पीड़ादायक, हमारे हैं मेहमान : महेश शर्मा

Sunday, Apr 01, 2018 - 12:34 AM (IST)

धर्मशाला: दलाईलामा टैंपल मे आयोजित थैंक्यू इंडिया कार्यक्रम के पहले दिन बतौर मुख्यातिथि पधारे केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने भारत और तिब्बत के मध्य घनिष्ठ संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे रिश्ते वर्षों पुराने हैं और इन्हें किसी तराजू में नहीं तोला जा सकता। उन्होंने कहा कि भारत और तिब्बत बड़े भाई व छोटे भाई सरीखे हैं, ऐसे रिश्तों में धन्यवाद की जरूरत नहीं होती। उन्होंने कहा कि तिब्बतियों के लिए रिफ्यूजी शब्द का प्रयोग पीड़ादायक है, आप हमारे मेहमान हैं और हम आपका दिल से स्वागत करते हैं। 


अलग नहीं की जा सकती तिब्बत और हिंदू संस्कृति की खुशबू
उन्होंने कहा कि तिब्बत और हिंदू संस्कृति फूल की तरह है जिसकी खुशबू कभी अलग नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि धर्मगुरुदलाईलामा की भगवान बुद्ध के शांति, अहिंसा एवं मानवता के संदेश के प्रसार में बड़ी भूमिका है। भारत यह कामना करता है कि महामहिम दलाईलामा के प्रति चीन अपना रवैया बदले और वे सम्मानपूर्वक उनके घर वापसी करें। 


धर्मगुरु के कारण धर्मशाला बना अध्यात्म का केंद्र : शांता 
इस मौके पर सांसद शांता कुमार ने कहा कि सांझी सांस्कृतिक विरासत भारत एवं तिब्बत को मजबूती से जोड़े हुए है। धर्मगुरु दलाईलामा के कारण यह स्थान अध्यात्म का केंद्र बन गया है। दलाईलामा का यहां रहना हम सभी के  लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि यह धर्मगुरु दलाईलामा का बड़प्पन है कि उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद करने के लिए यह कार्यक्रम रखा है। प्रेम एवं अहिंसा का धर्मगुरु दलाईलामा का संदेश आज के समय में और अधिक प्रासंगिक है।   


पूरा देश महामहिम के प्रति है कृतज्ञ : राम माधव
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा खुले दिल से विपत्ति में पड़े लोगों की सहायता की है। हम शरणार्थी की वेदना को समझ सकते हंै। पूरा देश महामहिम दलाईलामा के प्रति कृतज्ञ है कि उन्होंने भारत को प्यार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी मातृभूमि महामहिम का इंतजार कर रही है। इस कार्यक्रम बारे उन्होंने कहा कि भाई-भाई एक-दूसरे को कभी भी धन्यवाद नहीं करते। 


नरेन चंद्रा को किया सम्मानित
उन्होंने 7 असम राइफ ल्स से सेवानिवृत्त नरेन चंद्रा दास को सम्मानित किया। नरेन दास उन जवानों में से एक हैं जिन्होंने 31 मार्च, 1959 को महामहिम दलाईलामा की भारत में अगवानी की थी। बता दें कि जब महामहिम के हाथों से उन्हें सम्मानित किया जा रहा था तो उस समय नरेन चंद्रा की आंखें नम हो गईं। 


ये रहे कार्यक्रम में मौजूद
इस कार्यक्रम में हिमाचल सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी, निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति डा. लोबसंग सांग्ये, डी.सी. कांगड़ा संदीप कुमार, एस.पी. कांगड़ा संतोष पटियाल एवं तिब्बत सरकार के प्रतिनिधि एवं देश-विदेश के विभिन्न भागों से आए हुए लोग शामिल रहे।

Vijay