सरकार की सत्ता पर हावी लाल फीता शाही: राणा

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2020 - 03:47 PM (IST)

हमीरपुर (अरविंदर सिंह) : कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि प्रदेश में सियासत की अजब स्थिति यह है कि प्रचंड बहुमत से जीती बीजेपी की सरकार को सरकार नहीं चला रही है। बल्कि इस सरकार को सत्ता पर हावी अफसरशाही अपनी मनमर्जी से हांक रही है। जिसमें नागरिकों के मूलभूत अधिकारों व हितों को सरेआम नजर अंदाज किया जा रहा है। यह स्थिति इसलिए है कि बीजेपी की अंतद्र्वन्द में बीजेपी का ही एक धड़ा अफसरशाही को शह देकर अपनी ही सरकार को अस्थिर करने की साजिशें रच रहा है। राजेंद्र राणा सुजानपुर में एक हंगामी प्रेस कांफ्रेंस में रविवार को मीडिया से मुखातिब रहे। राणा ने कहा कि बीजेपी की अंदरुनी साजिशें अब आम जनता तक पहुंच चुकी हैं। क्योंकि मंचों पर बीजेपी नेताओं की बॉडी लैंग्वेज अब जनता को बता रही है कि उनके निशाने पर उनके अपने ही हैं। सरल, साधारण स्वभाव व विधानसभा चुनावों में पार्टी व जनता के जनविश्वास का प्रतीक बने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सियासत व सत्ता बीजेपी के उन नेताओं को रास नहीं आ रही है, जो अपनी हुकुमत के आगे किसी की सत्ता व सियासत को सहन न करने की जिद्द पाले हुए है।

जिस कारण से अब सरकार को अपने ही लोगों की साजिशों का शिकार होकर लाचार होना पड़ रहा है। वह कारण भी उनकी पार्टी के अपने लोगों के हैं। राणा बोले कि बीजेपी की विरोधी टीम की साजिशों और शह के कारण अफसरशाही निरंतर सरकार पर हावी होने का दबाव बना रही है। कारण साफ है कि जो सरकार को रास आ रहा है, वह बीजेपी की अपनी ही विरोधी टीम को रास नहीं आ रहा है और जो विरोधी टीम के मंसूबे हैं वह सत्ताधारी बीजेपी को रास नहीं आ रहे हैं। क्योंकि प्रचंड बहुमत से जीती सरकार की सियासत व सत्ता को अपनों की साजिशें हरगिज मंजूर नहीं हैं। इसी रस्सा-कस्सी में अब बीजेपी के नेता अपनी ही सरकार को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस खेल में लाल फीता शाही अहम रोल निभा रही है। जो सरकार की नीतियों व योजनाओं को बनने से पहले ही बीजेपी के विरोधी खेमे में पहुंचा रही है। जिसका सीधा असर प्रदेश के विकास पर पड़ा है। शायद यही कारण है कि सरकार अब या तो स्वागती मुद्रा व समारोहों में व्यस्त दिख रही है या फिर अपनी ही पार्टी द्वारा बनाए जा रहे परेशानी के माहौल से बचने में अपना सारा समय लगा रही है। यही कारण है कि अपनी ही साजिशों के कारण अस्त-व्यस्त हो रही सरकार विकास कार्यों पर ध्यान नहीं दे पा रही है। जिस कारण से प्रदेश की सड़कें व विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बदहाल हो चुकी हैं।

शिक्षा, चिकित्सा का ढांचा चरमरा चुका है। सत्ता पर प्रशासन हावी है। जनमंच कर्मचारियों, अधिकारियों की प्रताडऩा का मंच साबित होकर झंडमंच बन कर चर्चित हो रहा है। जनमंच के नाम पर कर्मचारियों व अधिकारियों के मूलभूत अधिकार का हनन हो रहा है। क्योंकि जनमंच में सरकार एक अपराधी की तरह अधिकारियों व कर्मचारियों को मंचों से लताड़ लगाते हुए बेआबरू कर रही है और बदले में रविवार को होने वाले जनमंचों के बदले कोई अवकाश नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण से अधिकारी व कर्मचारी इस सियासी प्रताडऩा के चलते गहरे मानसिक दबाव में हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की पारिवारिक जिम्मेदारियां अवकाश न मिलने के कारण प्रभावित हो रही हैं। जिस कारण से कर्मचारियों के परिवारों में भी सरकार के प्रति आक्रोश निरंतर बढ़ता जा रहा है। राणा ने कहा कि यह कर्मचारियों के अधिकारों का हनन है व टैक्स पेयर के धन से अर्जित राजस्व का भी दुरुपयोग है। राणा बोले कि अगर सरकार को दाखिल खारिज जैसे छोटे-छोटे काम जनमंच में ही करने हैं तो फिर सरकारी दफ्तरों को बंद करके जनमंच में ही सारे कार्य करवाए।
 


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kirti

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