बागियों के भोरंज उपचुनाव में कूदने से रोचक हुआ मुकाबला

Tuesday, Mar 28, 2017 - 03:03 PM (IST)

हमीरपुर: चुनाव के कई इतिहास बनाने वाले भोरंज विधानसभा क्षेत्र का हिमाचल की राजनीति में अपना अलग ही महत्व है। इस सीट से लगातार 6 बार विधायक बनकर रिकॉर्ड बनाने वाले स्व. ईश्वर दास धीमान ने ही इस मिथक को भी तोड़ा था कि प्रदेश के शिक्षा विभाग का कार्यभार संभालने वाला मंत्री दोबारा जीत दर्ज नहीं कर सकता। उनसे पहले प्रदेश में शिक्षा मंत्री बनने वाले विधायक लगातार अपनी दूसरी पारी नहीं खेल पाए थे। स्व. ईश्वर दास धीमान के 15 नवम्बर, 2016 को निधन के बाद रिक्त हुई इस सीट पर समीकरण बदले हैं। 


निदर्लीय उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाने चुनावी मैदान में उतरे
दोनों ही पार्टियों से बागी हुए उम्मीदवार अपनी-अपनी पार्टियों के प्रत्याशियों के संभावित पैनल में शामिल थे जो बाद में टिकट न मिलने के कारण बतौर निदर्लीय उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाने चुनावी मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस से बागी होकर बतौर निदर्लीय उम्मीदवार चुनाव लड़ने वाले रमेश डोगरा पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे हैं जबकि भाजपा से टिकट न मिलने के बाद बतौर निदर्लीय चुनाव लड़ रहे पवन कुमार पिछले विस चुनाव में हिलोपा से अपनी किस्मत आजमा चुके हैं मगर हार का मुंह देखना पड़ा। उसके बाद हुए जिला परिषद के चुनाव में जीतकर भाजपा के पाले में चले गए थे। 


बागियों के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प
अब तक पिछले चुनावों में कांग्रेस का इतिहास रहा है कि टिकट न मिलने से नाराज किसी न किसी कार्यकर्ता ने चुनाव रणभेरी में उतरकर चुनौती दी है, जिससे पार्टी को हर बार इसका खमियाजा भी भुगतना पड़ा है जबकि भाजपा में अब तक कोई बागी मैदान में नहीं उतरा था मगर इस बार कांग्रेस के अलावा भाजपा से बतौर बागी उम्मीदवार खड़ा होने से समीकरण बदल गए हैं। बागियों के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है। हालांकि यह भी सच्चाई रही है कि इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार अब तक अपना परचम नहीं लहरा पाए हैं।