वन निगम इकाई का यह कारनामा पढ़कर रह जाएंगे हैरान, फोरैस्ट गार्ड सस्पैंड

Thursday, Jun 29, 2017 - 08:39 PM (IST)

हमीरपुर: एक ओर वन निगम पहले ही करोड़ों रुपए के घाटे में चल रहा है तो दूसरी ओर वन कार्य मंडल हमीरपुर की वन निगम इकाई हमीरपुर के लॉट नंबर 58/1617 में लाखों रुपए की इमारती लकड़ी को खुर्द-बुर्द करने का मामला सामने आया है। मामले की भनक अधिकारियों को भी नहीं लगी। जब मामले को लेकर एक व्यक्ति द्वारा शिकायत की गई तो उसके बाद निगम प्रबंधन भी जागा और संबंधित वनरक्षक को निलंबित कर डाला। मामला खुलने के बाद अब दूसरे संबंधित अधिकारियों के हाथ-पांव भी फूल गए हैं तथा संबंधित डिप्टी रेंजर सहित अन्य अधिकारियों पर भी मामले में गाज गिरना तय है।

हिम काष्ठ सेल डिपो नूरपुर को भेजनी थी वन संपदा
जानकारी के अनुसार इस लॉट में वर्ष 2016-17 के लिए सूखे चीड़ के पेड़ों का कटान वन निगम द्वारा करवाया गया। समस्त पेड़ों से निकासी वन संपदा हिम काष्ठ सेल डिपो नूरपुर को भेजनी तय की गई। इसी कड़ी में संबंधित लॉट के लॉट प्रभारी व उप वनरजिक भोटा ने डिस्पैच चालान नंबर 2727 व 2728 में 8 जून, 2016 को विभिन्न किस्म की इमारती लकड़ी ट्रकों (एच.पी. 21ए-5626 व एच.पी. 67-2871) द्वारा 518 नग (38.977 घन मीटर आयतन) हिम काष्ठ डिपो नूरपुर को डिस्पैच चालान में डिस्पैच दर्शाया जबकि डिपो में इमारती लकड़ी के नग 518 ही प्राप्त दर्शाए मगर आयतन 33.672 घन मीटर प्राप्ति दर्ज की। इस प्रकार डिपो में 5.305 घन मीटर आयतन की कमी पाई गई। 

85 स्लीपर किए खुर्द-बुर्द
डिस्पैच व प्राप्ति चालानों का अध्ययन करें तो उक्त चालान 2727 व 2728 के अनुसार 85 स्लीपर 5 फुट के 26*13, 21*13 व 21*10 आकार के दर्ज हैं जबकि वन निगम की हिदायतों के अनुसार इस 152 सैंटीमीटर लंबाई के आकार के स्लीपर होते ही नहीं हैं। इसका अर्थ है कि वन निगम के सड़क डिपो से 85 स्लीपर चोरी छिपे खुर्द-बुर्द हुए और उनको पूरा करने के उद्देश्य से 10 फुट लंबाई के स्लीपरों को काटकर नग पूरा करने के लिए इसी आकार के स्लीपर बनाए गए।

97 स्लीपर ही पहुंचे नूरपुर डिपो
यही नहीं, डिस्पैच चालान नं. 2727 में लॉट के सड़क डिपो से 91 स्लीपर 26*13 व 21*13 आकारों के हिम काष्ठ सेल डिपो को भेजे गए जबकि डिपो में 91 स्लीपरों में से केवल 56 स्लीपर ही नूरपुर डिपो में पहुंचे। इसी प्रकार चालान नं. 2728 में लॉट के सड़क डिपो से 144 स्लीपर 26*13 व 21*13 के आकारों के भेजे गए जबकि इस आकार के 41 स्लीपर डिपो में पहुंचे। 

इनकी है जिम्मेदारी
वन निगम की हिदायतों के अनुसार प्रभारी लॉट (वन रक्षक) की पेड़ों का गिरान, चरान व ढुलान कर फील्ड बुक कनवर्शन रजिस्टर बनाने की ड्यूटी निर्धारित है। इसी प्रकार प्रभारी लॉट द्वारा निकासी करवाई गई इमारती लकड़ी को पास कर उसके सहयोग से हिम काष्ठ सेल डिपो को मंडलीय प्रबंधक से निर्यात आज्ञा पत्र प्राप्त कर एक्सपोर्ट हैंबर अंकित कर डिपो को भेजना डिप्टी रेंजर का कत्र्तव्य निर्धारित है ।जंगलों के कार्य के दौरान निरीक्षण में वन निगम में प्रभारी लॉट व उप वनरजिक की शत-प्रतिशत, सहायक प्रबंधक की 50 प्रतिशत तथा मंडलीय प्रबंधक की 10 प्रतिशत जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। 

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई 
उत्तर वन निगम धर्मशाला के निदेशक एस.के. मुसाफिर ने बताया कि हमीरपुर में सामने आए इस मामले में वनरक्षक को सस्पैंड कर उसका मुख्यालय बंगाणा इकाई में निर्धारित किया गया है। मामले की पूरी रिपोर्ट मंगवाई गई है तथा इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।