मशरूम खाने के शौकीन हैं तो पढ़ें यह खबर, कहीं जानलेवा न हो जाए जानकारी की कमी

Monday, Aug 05, 2019 - 11:56 AM (IST)

सोलन (रवीन्द्र): मशरूम खाने के शौकीन बहुत से लोग होते हैं। ज्यादातर लोग मशरूम की अलग-अलग डिश बनाकर खाना पसंद करते हैं। लेकिन यही मशरूम आपके लिए खतरनाक पैदा भी हो सकता है। दरअसल दुनिया में लगभग 14,000 मशरूम प्रजातियां मौजूद हैं। इनमें से लगभग 50 फीसदी खाने योग्य हैं और करीब 3,000 प्रजातियों को मुख्य खाद्य मशरूम माना जाता है। सभी मशरूम प्रजातियों में लगभग 1 फीसदी जहरीले मशरूम की प्रजाति है। अनुमान है कि लगभग 30 प्रजातियां घातक होती हैं। बरसात के दिनों में काफी मात्रा में मशरूम जंगलों में खुद उग आते हैं और लोग इनका प्रयोग खाद्य के रूप में करते हैं। कई बार देखने में आता है कि जहरीले मशरूम खाने से लोग बीमार हो जाते हैं या फिर मौत भी हो जाती है।  

मशरूम की अनेक प्रजातियां खाने योग्य हैं जिनमें किंग बोलीट और सल्फर शेल्फ (जिसे चिकन मशरूम और जंगल के चिकन के रूप में भी जाना जाता है) वर्ष दर वर्ष पुनरावृत्ति करता है तथा आसानी से पहचाना जाता है। पाइन मशरूम, केंथेरेलस, गुच्छी, सीप मशरूम, पफबाल्स और पॉलीपोरस इकट्ठा करने के लिए सबसे लोकप्रिय प्रकार के मशरूम में से एक हैं। अमानिता सबसे अधिक विषैले मशरूम में शामिल है जिसके सेवन से मनुष्य का जीवन संकट में पड़ सकता है। मशरूम पर कई पहचान मार्गदर्शिका उपलब्ध हैं लेकिन खाद्य मशरूम की पहचान करने की क्षमता अक्सर पीढिय़ों के माध्यम से आती है। मशरूम की पहचान एवं जानने के लिए कब और कहां खोजना है, अभ्यास की आवश्यकता होती है।

विषाक्तता के लक्षण एवं उपचार

विषाक्त मशरूम के विष का असर अलग-अलग हो सकता है और विभिन्न विष के लक्षण एवं उपचार भी भिन्न हो सकते हैं। सभी मशरूम विषाक्तताओं का प्राथमिक उपचार लगभग एक जैसा ही होता है। मशरूम की विषाक्तता का सबसे ज्यादा असर जठरांत्र संबंधी परेशानियों के कारण होता है। लक्षण आम तौर पर मशरूम खाने के 20 मिनट से 4 घंटे तक प्रलक्षित होते हैं। इसमें मतली, उल्टी, ऐंठन और दस्त इत्यादि शामिल होते हैं जो अक्सर मशरूम के शरीर से बाहर निकलने के बाद ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में अस्पताल की आवश्यकता हो सकती है। सभी मामलों में जहां उल्टी और दस्त हो रहे हैं, तरल पदार्थ और इलैक्ट्रोलाइट्स को बदलने के उपाय महत्वपूर्ण हैं। गंभीर मामलों में जो अत्यधिक जहरीले मशरूम के कारण होते हैं, जटिलताओं में दौरे, किडनी और यकृत की विफलताएं और यहां तक कि मौत भी शामिल हो सकती है।

सतर्कता

मशरूम को तब तक न खाएं जब तक 100 प्रतिशत पक्का न हो कि मशरूम खाने योग्य है। कच्चे जंगली मशरूम को पचाने में मुश्किल होती है। अत: कच्चे मशरूम न खाएं। क्षय या पुराने मशरूम न खाएं। छत्र के आकार के मशरूम से बचें, जो चौड़े खुले छतरियों की तरह दिखाई देते हैं जिनके तने के चारों ओर सफेद छल्ले होते हैं। ये मशरूम विशेष रूप से चमकीले रंग और धब्बेदार छत्र के आकार के अमानिटस हो सकते हैं जोकि प्रकृति के सबसे घातक जहर से भरे होते हैं। मीठी महक वाले मशरूम कदापि न खाएं।

जहरीले मशरूम की पहचान

- मशरूम की टोपी पर अधिमांस एवं रंगीन निशान।
- एक छत्र या छतरी आकार की टोपी।
- आधार के आसपास एक बल्बस कप या थैली की उपस्थिति, इस गोल कप को वोल्वा कहा जाता है। यह अक्सर जमीन के नीचे होता है, इसे देखने के लिए धीरे-धीरे मशरूम को खोदना पड़ता है।
 - सफेद बीजाणु प्रिंट। जब एक अमानिता टोपी को एक गहरे रंग के पेपर पर रखा जाता है तो अक्सर यह सफेद बीजाणु प्रिंट बनाता है।
- तने के चारों ओर एक अंगूठी की उपस्थिति। इस अंगूठी को ऐनलस कहा जाता है।
- पतली और सफेद रंग की गिल्स। जहरीले मशरूम की पहचान करने के लिए यह देखना बहुत आवश्यक है।

कौन से मशरूम करें एकत्र

- केवल पहचान किए गए मशरूम को खाया जाना चाहिए।
- मशरूम को पकाने से पहले दूसरी बार पहचान करनी चाहिए। तब तक नहीं खाना चाहिए जब तक कि यह सत्यापित न किया जाए कि प्रजातियां कच्ची खाई जा सकती हैं।
- अलग-अलग मशरूम को एक साथ एकत्रित नहीं करना चाहिए।
- उन मशरूम को इकट्ठा नहीं करना चाहिए जोकि पहचानना मुश्किल हों। यह विशेष रूप से जीनस, अमानिता और कॉर्टिनारिस मशरूम और छोटे भूरे मशरूम पर लागू होता है।
- पहली बार खाई जाने वाली नई प्रजाति को बिल्कुल थोड़ा-सा खाना चाहिए ताकि उसकी प्रतिक्रिया का पता चल सके।

Ekta