नाबालिग बच्चों को वाहन की चाबी देने से पहले अभिभावक पढ़ लें खबर

Saturday, Nov 03, 2018 - 10:21 AM (IST)

चम्बा : अभिभावक अब अपने नाबालिग बच्चों को चार या दोपहिया वाहन की चाबी देने से पहले सोच लें कि उनकी यह लापरवाही उन्हें कानूनी पेंच में न फंसा दे या जेब पर भारी न पड़ जाए। गौरतलब है कि विभिन्न स्कूलों व संस्थानों के नाबालिग बच्चे सड़कों पर रोजाना सरपट वाहन चलाते देखे जा सकते हैं जिनमें से अधिकांश नाबालिग वाहनों को चलाने में पूर्ण रूप से प्रशिक्षित तक नहीं होते हैं। हालांकि जिला पुलिस विभाग ने यातायात सुरक्षा के तहत अभियान छेड़ रखा है, जिसमें नाबालिगों के वाहन चलाने पर अंकुश लगाने के विषय को विशेष रूप से शामिल किया है लेकिन मुख्य मार्ग पर यातायात पुलिस नाकों पर सतर्कता को देख स्कूलों से मध्यकाल अवकाश, पूर्ण अवकाश या सार्वजनिक अवकाश सहित देर रात मनचले नाबालिग युवा शहर की गलियों व मोहल्लों में तेज रफ्तार से वाहन दौड़ा रहे हैं जिससे कई बार गलियों में आवागमन कर रहे वृद्ध व्यक्ति युवा की रैश ड्राइविंग तक का शिकार बन चुके हैं।

6 माह से 2 साल तक कारावास की सजा 
यातायात अधिनियम के तहत नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए उत्साहित करना व उन्हें दोपहिया अथवा चौपहिया वाहन निर्धारित उम्र से पूर्व चलाने की स्वीकृति देना यातायात कानून की अवहेलना करार दिया गया है, जिसमें यदि नाबालिग द्वारा अगर कोई दुर्घटना की जाती है तो इस सूरत में किसी प्रकार की मुआवजा राशि नहीं मिलती है जबकि एक्ट के मुताबिक नाबालिग को वाहन चलाने की स्वीकृति देने अथवा प्रोत्साहित करने वाले अभिभावक कानून के शिकंजे में जरूर आ सकते हैं जिसके लिए अभिभावक को नियमों की अवहेलना करने की सूरत में व नाबालिग द्वारा की गई दुर्घटना के अनुसार 6 माह से लेकर 2 साल के कारावास की सजा हो सकती है जिसका एम.वी. एक्ट के तहत प्रावधान है।

kirti