RUSA सिस्टम खत्म करने पर ऐसा रहा छात्रों का Reaction, SFI ने की ये अगली मांग (Video)

Friday, Jun 08, 2018 - 07:28 PM (IST)

शिमला (राजीव): प्रदेश की जयराम सरकार द्वारा कॉलेजो में रूसा के तहत समेस्टर खत्म कर पर जहां आम छात्र खुश हैं। वही छात्र संगठन भी सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं और प्रदेश के लाखों छात्रों के लिए इसे राहत भरा बता रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस-माकपा ने इसे छात्रों के लिए धोखा करार दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने घोषणा पात्र में इसे पूरी तरफ से खत्म करने का वादा किया था और अब इसमें बदलाव कर वार्षिक प्रणाली लागू कर रही है। वह अपने वादे से मुकर रही है और बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र सोच समझ कर तैयार नहीं किया है। जब रूसा को खत्म नहीं कर सकते थे तो प्रदेश की जनता से वादा क्यों किया था। 


उधर, माकपा ने भी बीजेपी सरकार को रूसा को लेकर घेरा है। माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि बीजेपी ने जो चुनावों के दौरान वादा किया था उसके मुताबिक इसमें बदलाव नहीं किया गया है। बल्कि सिर्फ वार्षिक परीक्षा लागू करने से छात्रों को राहत नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि रूसा अपने आप में समस्या है पांच सालों से छात्र परेशान है। इसमें मूलभूत परिवर्तन किए जाने चाहिए थे लेकिन चुनावी वादे को पूरा करने के लिए सिस्टम खत्म कर बीजेपी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। 


छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसे अपने आंदोलन की जीत बता रही है। वहीं एसएफआई सरकार के इस फैसले से पूरी खुश नहीं है और वह मांग कर रही है कि च्वाइस बेसड क्रेडिट सिस्टम को भी खत्म किया जाए। जैसे बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में जो वादा किया है उसे भी पूरा करें। एसएफआई ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या सरकार ने सिस्टम खत्म कर वार्षिक परीक्षा को लेकर तयारी की है या चुनावी वादा पूरा करने के लिए जल्दबाजी में इस एलागु किया गया। बताया जा रहा है कि आम छात्र वार्षिक प्रणाली से खुश हैं और उनका कहना है कि अब छात्रों को परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर समय मिलेगा और पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें खेलकूद गतिविधियों के लिए समय मिलेगा। 

Ekta