मनाली-लेह मार्ग पर गैमूर दारचा में दिखा दुर्लभ वन्य प्राणी आइबैक्स का झुंड

punjabkesari.in Sunday, Mar 27, 2022 - 09:15 PM (IST)

मनाली (ब्यूरो): 3500 से 6000 मीटर की ऊंचाई में रहने वाले दुर्लभ वन्य प्राणी लाहौल में दोस्ताना माहौल के कारण बिना डरे गांव में घूमते दिख रहे हैं। रविवार को गैमूर-दारचा में एक साथ 25 से 30 आइबैक्स का झुंड देखने को मिला। दारचा के ग्रामीणों सोनू बौद्ध, कलजंग, पलजोर, सोनम व तंडुप ने बताया कि दारचा में आइबैक्स का एक झुंड दिखा है। उन्होंने कहा कि आइबैक्स जैसे दुर्लभ प्राणी को बचाने के लिए लाहौल-स्पीति जिले में समस्त महिला मंडलों सहित कई पंचायतों ने कड़े कदम उठाए हैं। इनका शिकार करते हुए यदि कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का-पानी बंद कर दिया जाता है। यही कारण है कि हर आदमी के जागरूक होने से दुनिया में लगभग 6,000 संख्या वाले विलुप्तप्राय: हिमालयन आइबैक्स की संख्या अब हिमाचल के कबायली क्षेत्र लाहौल-स्पीति में धीरे-धीरे बढ़ने लगी है।

रैड लिस्ट में डाला गया है यह वन्य प्राणी 

गौर हो कि आइबैक्स को इंटरनैशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ  नेचर की ओर से रैड लिस्ट में डाला गया है। यह अफगानिस्तान, चीन, कजाकिस्तान, मंगोलिया, पाकिस्तान, रूस और उज्बेकिस्तान के साथ भारत में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के लाहौल-स्पीति में ही पाए जाते हैं। जहां दुनिया भर में इनकी घटती संख्या के लिए वन्य जीव प्रेमी चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर लाहौल-पीति में वन्य प्राणियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जिला परिषद लाहौल-स्पीति की अध्यक्ष अनुराधा राणा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों से लाहौल-स्पीति जिले में यह दुर्लभ प्राणी बिना डरे ग्रामीण क्षेत्र में घूमते हुए देखने को मिल रहे हैं।

यह है आइबैक्स की पहचान

हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में पाए जाने वाले हिमालयन आइबैक्स को जंगली बकरे के नाम से भी जाना जाता है। इनके लंबे-लंबे और मुड़े हुए सींग होते हैं। इस हिमालयन आइबैक्स को साइबेरियन आइबैक्स की उप प्रजाति कहा जाता है। एक स्वस्थ नर आइबैक्स का वजन 150 किलो तक होता है, जोकि मादा के मुकाबले अधिक होता है। आइबैक्स छोटे-छोटे झुंडों में रहते हैं और एक झुंड में इनकी संख्या 50-60 तक हो जाती है। आइबैक्स घास खाते हैं। ये बर्फानी तेंदुओं के आसान शिकार होते हैं। बेहद कठिन परिस्थितियों और खड़ी चट्टानों में रहने वाले हिमालयन आइबैक्स की संख्या घटी है लेकिन हिमाचल प्रदेश के स्पीति में पिछले एक दशक से इनकी संख्या में बढ़ौतरी हुई है।

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Content Writer

Vijay

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