असम के बाद हिमाचल में दिखा प्रकृति का अजूबा! भरमौर में नजर आया दुर्लभ 'सफेद बंदर', जल्द बनेगी डाॅक्यूमैंट्री

punjabkesari.in Tuesday, Dec 09, 2025 - 01:09 PM (IST)

भरमौर (उत्तम): हिमाचल प्रदेश के वन्य जीवन इतिहास में एक नया और सुनहरा पन्ना जुड़ गया है। जिला चम्बा के भरमौर स्थित तुंदाह के घने जंगलों में एक बेहद दुर्लभ 'सफेद बंदर' देखा गया है। वन विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश में इस तरह के बंदर के देखे जाने की यह पहली घटना है।

जानकारी के अनुसार रविवार को तुंदाह रेंज के वन रक्षक कुशल कुमार धुंध से ढके जंगलों में अपनी नियमित गश्त पर थे। तभी उनकी नजर बंदरों के एक झुंड पर पड़ी। अचानक वह ठिठक गए, क्योंकि झुंड में एक मादा बंदर की पीठ पर एक ऐसा बंदर बैठा था, जिसका रंग सामान्य भूरे के बजाय सिर से लेकर पूंछ तक सफेद था। वन रक्षक ने बिना समय गंवाए इस दुर्लभ क्षण को अपने कैमरे में कैद कर लिया।

वन्यजीव विशेषज्ञों और स्थानीय वन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह बंदर की कोई नई या विदेशी प्रजाति नहीं है। यह सामान्य 'रीसस मकाक' ही है, जो 'एल्बिनिज्म'  नामक आनुवंशिक स्थिति से ग्रस्त है। इस स्थिति में शरीर में त्वचा, बालों और आंखों को रंग देने वाले पिगमेंट 'मेलेनिन' का निर्माण या तो बहुत कम होता है या बिल्कुल नहीं होता। इसी कारण यह बंदर पूरी तरह सफेद दिखाई दे रहा है।

बता दें कि इससे पहले भारत में ऐसा दुर्लभ सफेद रीसस मकाक केवल एक बार वर्ष 2022 में असम में देखा गया था। अब हिमाचल के तुंदाह जंगल में इसका दिखना जैव विविधता के लिए एक शुभ संकेत माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल में एल्बिनो जीव का दिखना सदियों में एक बार होने वाली घटना जैसा है। वन विभाग ने अब इस क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है ताकि इस दुर्लभ जीव की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

उधर, जब इस बारे वन रक्षक कुशल कुमार से संपर्क किया गया ताे उन्हाेंने बताया कि मंगलवार काे टीम माैके पर पहुंच गई है और बंदर की गतिविधियाें पर निगरानी रखी जा रही है। वन रक्षक के अनुसार इस पर एक डाॅक्यूमैंट्री भी तैयार की जाएगी।


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Vijay

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