शिक्षकों ने पुरानी पैंशन नीति के समर्थन में निकाली रैली, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

Sunday, Dec 22, 2019 - 02:40 PM (IST)

चम्बा (विनोद): ताउम्र सरकारी क्षेत्र में सेवा देने के बाद 2003 के बाद जो भी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहा है वह खाली हाथ अपने घर को जा रहा है तो साथ ही वह पूरी तरह से खुद को आर्थिक रूप से कमजोर पा रहा है। इसका कारण नई पैंशन नीति का लागू होना है। पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी इस नीति को केंद्र सरकार जल्द समाप्त कर फिर से पुरानी पैंशन नीति को अमल में लाए। हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ जिला चम्बा ने शनिवार को जिला मुख्यालय में नई पैंशन नीति के खिलाफ व पुरानी पैंशन नीति के समर्थन में निकाली अपनी रैली के माध्यम से यह मांग की। संघ के महासचिव दुर्ग दियाल शर्मा ने बताया कि कर्मचारी वर्ग इस न्यू पैंशन चक्की के पाटों में बुरी तरह से पिस रहा है। अब नई शिक्षा नीति जो लागू की गई है वह भी पूरी तरह से अध्यापक वर्ग विरोधी है।

उन्होंने कहा कि जब कर्मचारियों के लिए पंजाब पे-स्केल को फॉलो किया जाता रहा है तो फिर सातवें वेतन आयोग को इससे अलग क्यों रखा गया है। इन तमाम बातों को लेकर सरकार को चेताने और राष्ट्रपति को इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने शनिवार को जिला मुख्यालय में इस कार्यक्रम का आयोजन किया।शनिवार सुबह 11 बजे प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय चम्बा के समीप उक्त वर्ग के अध्यापक जुटने शुरू हो गए थे और दोपहर बाद वहां से एक रैली मुख्य बाजार तक निकली। मुख्य बाजार से होते हुए यह रैली डीसी कार्यालय परिसर जाकर संपन्न हुई। संघ ने अपनी मांगों के संदर्भ में प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।

Vijay