हिमाचल कांग्रेस की नब्ज टटोलने के बाद दिल्ली लौटीं पाटिल, राहुल को सौंपेंगी रिपोर्ट

Sunday, Jul 15, 2018 - 07:50 PM (IST)

शिमला (राक्टा): 7 दिन तक लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की नब्ज टटोलने के बाद कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल रविवार को दिल्ली रवाना हो गईं, ऐसे में पाटिल अब अपने दौरे की विस्तृत रिपोर्ट कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपेंगी, जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल भी संभव है। सूचना के अनुसार 2-3 दिनों के भीतर रजनी पाटिल प्रदेश कांग्रेस के ताजा हालात और हकीकत के बारे में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को विस्तृत रिपोर्ट सौंप देंगी। रजनी पाटिल ने चारों संसदीय क्षेत्रों के तहत हुए सम्मेलनों के माध्यम से कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का फीडबैक लिया है, ऐसे में उनकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस की आगामी रूपरेखा तय करेगी।


संगठन के नेताओं की आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आई
विशेष है कि पाटिल के प्रदेश दौरे के दौरान संगठन के नेताओं की आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आई है। ठियोग में सम्मेलन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंच से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला बोला, साथ ही वहां पर दोनों खेमों के समर्थकों ने नारेबाजी भी की। इसके बाद रजनी पाटिल ने राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में वीरभद्र सिंह तथा सुखविंदर सिंह सुक्खू को चाय के टेबल पर बंद कमरे में एक साथ बिठाया तथा दोनों के बीच गुटबाजी समाप्त करने का प्रयास किया लेकिन सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को हटाए जाने की मांग की तथा अध्यक्ष चुनाव से बनाने की वकालत की। इसके अलावा इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को हटाने की मांग करते आए हैं। 


संगठन में बढ़ती गुटबाजी ने बढ़ाई चिंता
हिमाचल दौरे के दौरान पाटिल ने भी माना कि संगठन में गुटबाजी है और उसे दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। यहां तक कि उन्होंने यह भी कह दिया था कि किसी को हटाने या न हटाने का फैसला राहुल गांधी ही लेंगे। देखा जाए तो लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस में हावी होती गुटबाजी से रजनी पाटिल भी चिंतित हैं, ऐसे में देखना होगा कि अब हाईकमान कैसे गुटबाजी पर अंकुश लगाता है और इसके लिए किस तरह के कदम उठाए जाते हैं।


चुनाव से पहले हो सकती है बागियों की वापसी
रजनी पाटिल के समक्ष पार्टी से निष्कासित चल रहे पदाधिकारियों ने भी अपना पक्ष रखा है। इसके तहत उन्होंने निष्कासित पदाधिकारियों को 31 जुलाई तक आवेदन करने को कहा है ताकि उस आधार पर उनकी वापसी के लिए कदम उठाए जा सकें। इस संबंध में वह राहुल गांधी से चर्चा करने के बाद ही आगामी निर्णय लेंगी। 150 के करीब नेता व पदाधिकारी वर्तमान में संगठन से बाहर चल रहे हैं जिनकी वापसी अब लोकसभा चुनाव से पहले हो सकती है।

Vijay