Watch Video: गुरु ने कर दी बड़ी गलती, अब शिष्य ने दी ऐसी नसीहत

Sunday, Dec 31, 2017 - 12:11 PM (IST)

हिमाचल प्रदेश में अब नई सुबह की शुरूआत हो चुकी है। दशकों से वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल के इर्द-गिर्द घूमती रही सत्ता की चाबी इस बार युवा के हाथों में है जिसमें सबसे ज्यादा योगदान सुजानपुर विस क्षेत्र का रहा है, जहां से भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री चेहरा रहे प्रेम कुमार धूमल को उनके शिष्य रहे कांग्रेस के राजेंद्र राणा ने हराकर सारी बाजी ही पलट दी तथा मंडी जिला के सराज विस क्षेत्र से भाजपा विधायक जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली। इस सारे प्रकरण के दौरान सुजानपुर सीट सुॢखयों में रही तथा जिला हमीरपुर में भी इस बार राजनीतिक समीकरण बदले हैं। सबसे बड़ा सवाल लोगों में यही है कि अब हमीरपुर की सत्ता व राजनीति का धु्रव कौन व कहां होगा क्योंकि भाजपा सहित कांग्रेस के कार्यकत्र्ता नए समीकरण बनने के बाद पशोपेश की स्थिति में हैं। चुनाव से लेकर अब तक हुए सारे घटनाक्रम व भविष्य की राजनीति को लेकर सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा से हुई हमारे प्रतिनिधि पुनीत शर्मा की बातचीत के अंश : 


हिमाचल में नई सरकार बन गई है। क्या कहना चाहेंगे?
जनता ने भाजपा को जनादेश दिया है जिसके लिए नई सरकार को शुभकामनाएं देता हूं कि वे लोगों के विश्वास पर खरा उतरेंगे तथा निष्पक्षता से काम करते हुए लोगों की सेवा करेंगे। बदले की भावना खत्म होगी तथा विपक्ष से भी मैत्रीपूर्ण माहौल बनाए रखेंगे, ऐसी कामना है। 


ऐसा लग रहा है कि जनता सी.एम. को हराकर परेशान है। आपको क्या लगता है?
ऐसी कोई बात नहीं है। मुझे लगता है कि लोकतंत्र में जनता सोच-समझकर फतवा जारी करती है। इस चुनाव में भी जनता ने सी.एम. कैंडीडेट की बजाय एक छोटे से व्यक्ति व सेवा करने वाले को चुना जिसके लिए मैं मतदाताओं का धन्यवाद करने के साथ उन्हें सलाम करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया है। 


ऐसी आशंकाएं हैं कि अब आप लोकसभा चुनाव भी लड़ेंगे या फिर अभिषेक राणा को आगे करेंगे?
अभी तो विस चुनाव लड़ा है तथा जीतने के बाद अभी शपथ भी नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव को लंबा समय है तथा उस समय भी पार्टी ही तय करेगी। पार्टी का आदेश सर्वोपरि होगा। 


धूमल को हराकर कैसा महसूस करते हैं। चुनाव जीतने पर सबसे पहले कैसा महसूस किया?
धूमल साहब का हारना या उन्हें हराना, इसके पक्ष में नहीं था क्योंकि वे हमीरपुर से चुनाव लड़ते थे तथा बेहतर होता कि वहीं से इस बार भी चुनाव लड़ते। मैं चुनाव लडऩे हमीरपुर नहीं गया बल्कि वे स्वयं सुजानपुर आए। मेरा स्वभाव है कि अगर मुझे खुशी मिले तो मैं उछलता नहीं हूं और न ही इतना नैगेटिव हूं कि गमगीन हो जाऊं।  


हॉट सीट रही सुजानपुर से चुनाव जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। अब बड़ी जिम्मेदारी मिली है। क्या आप तैयार हैं?
जवाब : मेरी जीत सुजानपुर की जनता की है क्योंकि उन्हीं के कारण ऐसा संभव हुआ है। इसके लिए मैं अपनी सशक्त, मजबूत टीम, पार्टी कर्यकत्र्ताओं व सुजानपुर के मतदाताओं व आम जनता का ताउम्र ऋणी रहूंगा क्योंकि इसका सारा श्रेय उन्हीं को जाता है तथा यही मेरा परिवार है। अब जनता के विश्वास पर खरा उतरने को लेकर दृढ़संकल्प हूं। 


जयराम ठाकुर के बारे में क्या कहना चाहेंगे। कोई कमैंट?
जवाब : सबसे पहले तो मैं उन्हें बधाई देता हूं क्योंकि उनके पक्ष में जनता ने फतवा जारी किया है। जयराम ठाकुर शरीफ, नेक दिल व सुलझे हुए व्यक्तित्व के स्वामी हैं। जयराम ठाकुर से प्रदेशवासियों को बहुत उम्मीदें हैं। जिस तरीके से इस प्रदेश में सरकारें बदलने के बाद द्वेष और बदले की राजनीति के अलावा विरोधियों पर झूठे मामले बनाए जाने का खेल शुरू हुआ था, जयराम ठाकुर उस खेल का अंत करेंगे। प्रदेश की तुलना अन्य राज्यों से नहीं की जा सकती क्योंकि यहां के लोग भोले भाले, शांतिप्रिय व देव आस्था रखने वाले लोग हैं जो बदले की राजनीति को कतई पसंद नहीं करते। 


विपक्ष का नेता कौन होना चाहिए?
केवल वीरभद्र सिंह। 


आपकी जीत व धूमल की हार। किस मोर्चे पर कमियां रहीं?
16 सालों से सुजानपुर के लोगों की सेवा कर रहा हूं जिसमें कभी भेदभाव नहीं किया। पार्टी, जाति, धर्म व मजहब से ऊपर उठकर काम किया है। गरीब व क्षेत्र का विकास ही मेरा एजैंडा है। इंसानियत की सेवा की है तथा उसका आशीर्वाद भी मिला है। जो काम धूमल सी.एम. रहते नहीं कर पाए, वो मुझे मौका मिलने पर मैंने किए, यही तुलना लोगों 
ने की।    


कभी धूमल के खास रहे तो ऐसे क्या कारण रहे कि आपको उनसे अलग होना पड़ा। 
4 सितम्बर, 2009 का वो दिन कभी नहीं भूलता, जब हिमाचल में भाजपा सरकार के धूमल सी.एम. थे तो उनके ऊपर सोची-समझी साजिश के तहत झूठा केस बनाने तथा पुलिस केस बनाने का प्रयास किया गया था। इस प्रकरण के बाद लगा कि जिस घर में मैं स्वयं सुरक्षित नहीं हूं, वहां से अलग होकर घर बनाना चाहिए। दूसरा घर बनाने का यही टॄनग प्वाइंट था। 


इतना बड़ा कैंडीडेट हराने के बाद संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी?
फिलहाल सुजानपुर की जनता की सेवा करने की जिम्मेदारी मिली है। अगर पार्टी कोई जिम्मेदारी देगी तो उसका भी पूरी ईमानदारी से निर्वहन किया जाएगा।  


जब आप नामांकन भरने गए थे तब प्रेम कुमार धूमल से मुलाकात हुई और आपने उनसे आशीर्वाद मांगा तो क्या उन्होंने आपको जीत का आशीर्वाद दे दिया था?
हिमाचल प्रदेश एक शांति प्रिय राज्य है। यहां संस्कार कूट-कूट कर भरे हैं और मेरे बुजर्गों ने मुझे संस्कार दिए हैं कि छोटों से भी प्यार से बात करो और बड़ों का भी मान करो। धूमल साहिब तो रुतबे और उम्रमें भी बढ़े हैं। जब एस.डी.एम. के दफ्तर में उनसे मुलाकात हुई तो मैंने कहा कि थोड़ा आशीर्वाद इधर भी दें तो उन्होंने शुभकामनाएं दीं। 


क्या जीत के बाद आपके राजनीतिक गुरु धूमल ने आपको बधाई दी?
नहीं अभी तक तो ऐसी कोई बात नहीं हुई है, पर मां-बाप के अलावा एक गुरु को ही अपने शिष्य के आगे बढऩे पर खुशी होती है तो निश्चित तौर पर उनके मन के कोने में भी होगा कि उनका शिष्य जीत गया। 


प्रेम कुमार धूमल के समर्थकों का कहना है कि सुजानपुर से चुनाव लड़ कर धूमल ने राजनीति में शहादत दी है। अब उन्हें ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए था, आप क्या समझते हैं?
मुख्यमंत्री का चेहरा बहुत बड़ा चेहरा होता है और जो पार्टी सरकार बनाने जा रही हो तो वह कहीं से चुनाव लड़ सकता है परंतु मुझे लगता है कि उन्हें भांपने में कमी रह गई है और उनके समर्थकों ने ही उन्हें गुमराह कर दिया था तथा कहीं न कहीं गलती कर गए।


आपको लगता है धूमल के खिलाफ  कोई साजिश हुई है?
नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। उनके कुछ कार्यकर्ता 8-10 महीने पहले से ही उन्हें वहां से चुनाव लड़ने के लिए बोल रहे थे। मुझे लगता है उन्होंने गलती की है, उन्हें सुजानपुर की बजाय हमीरपुर से चुनाव लड़ना चाहिए था।