यात्रा भत्ते मामले में धूमल की सरकार को नसीहत पर राजेंद्र राणा की चुटकी, जानिए क्या कहा

Thursday, Sep 05, 2019 - 04:50 PM (IST)

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा विधायकों का यात्रा भत्ता बढ़ाने पर प्रदेश सरकार को नसीहत देने की बात पर चुटकी लेते हुए विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री विधायकों का यात्रा भत्ता दायरा बढ़ाने पर जयराम सरकार को तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था की दुहाई देकर नसीहत दे रहे हैं लेकिन अच्छा होता अगर वह ऐसी नसीहत देश की अर्थव्यवस्था को डुबोने वाली मोदी सरकार व वित्त मंत्रालय को भी देते ताकि देश को ऐसे दिन नहीं देखने पड़ते।

उन्होंने जारी बयान में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश आर्थिक संकट में घिरा तो नजर आ रहा है लेकिन पाताल में चली गई देश की अर्थव्यवस्था पर उनकी नजर नहीं जा रही है जो बड़ी हैरानी की बात है। उन्होंने कहा देश को आर्थिक मंदी के दौर से निकालने के लिए ऐसी ही सलाह पूर्व मुख्यमंत्री को मोदी सरकार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व वित्त राज्य मंत्री अपने बेटे अनुराग ठाकुर को भी देनी चाहिए, जिनकी नाकामियों के कारण देश त्राहि-त्राहि कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में कई सरकारें आईं व गईं लेकिन पिछले 5 वर्षों के दौरान मोदी सरकार ने आरबीआई से 54 हजार करोड़ रुपए उठाकर एक नया कीर्तिमान बनाया और अब मोदी सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए उठाने जा रही है, जो यह साबित करता है कि देश की अर्थव्यवस्था किस तरह मंदी के चिंतनीय दौर में है। उन्होंने कहा कि आज ऑटोमोबाइल व टैक्सटाइल क्षेत्र सहित उद्योग जगत का बुरा हाल है और व्यापारी वर्ग रो रहा है लेकिन मोदी सरकार घोड़े बेच कर सो रही है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार ने तो सिर्फ विधायकों के यात्रा भत्ते का दायरा ही बढ़ाया है, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश की अर्थव्यवस्था की फिक्र सताने लगी है लेकिन मोदी सरकार की गलत नीतियों से ऑटोमोबाइल व टैक्सटाइल जगत का भ_ा बैठ गया है और लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री कोई चिंता नहीं जता रहे और न ही केंद्रीय वित्त मंत्री व वित्त राज्य मंत्री को कोई सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक विशेषज्ञ भी देश में मौजूदा मंदी के दौर पर अपनी गहरी चिंता जता चुके हैं लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री का इस चिंता में शामिल न होना उनकी समझ से परे है।

Vijay