मौसम का बदला मिजाज़, रोहतांग पर बिखरी चांदी-मैदानों में बारिश शुरू

Wednesday, Nov 15, 2017 - 06:44 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी और मैदानी इलाकों में बारिश और बर्फबारी शुरू हो गई है। तकरीबन साढ़े पांच बजे प्रदेश के कई हिस्सों में बंूंदाबादी और हल्की बर्फबारी का आगाज हो गया है। इससे प्रदेश में ठंड का प्रकोप और बढऩे की संभावनाएं जताई जा रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक जहां रोहतांग दर्रा में हल्की बर्फबारी शुरू हो गई है वहीं हिमाचल के निचले क्षेत्र इंदौरा और डलहौजी में बूंदाबादी शुरू हो गई है।



 

तापमान में भारी गिरावट
पर्यटन स्थल रोहतांग में बुधवार को हल्की बर्फबारी शुरू हो गई। इससे वहां न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। वहां का तापमान माइनस डिग्री में चला गया है। इससे साथ लगते इलाकों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। वहीं पर्यटकों को रोहतांग दर्रे में जाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। मौसम विभाग के मुताबिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दो दिन तक बर्फबारी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

लोगों को सूखी ठंड व बीमारियों से मिलेगी निजात
हिमाचल में बारिश शुरू होने और अगले दो दिनों तक बारिश होने का अनुमान विभाग ने जताया है। इससे प्रदेश में लोगों को बीमारियों से निजात मिलेगी। सूखी ठंड से होने वाले गले के दर्द और जुखाम से भी लोगों को छुटकारा मिलने के आसार हैं।

अच्छी फसल और सेब उत्पादन बढऩे का अनुमान
जहां बारिश से किसानों के खेतों में हरियाली आएगी और अच्छी फसल होगी वहीं ऊपरी इलाकों में बर्फबारी होने से सेब के उत्पादन में वृद्धि होने का अनुमान है। वहीं प्रदेश के पशुपालकों की चारे की समस्या भी खत्म होगी।

मनाली में लगा पर्यटकों का जमावड़ा
कुल्लू जिला प्रशासन के अलर्ट जारी कर देने के बाद मनाली में बर्फबारी शुरू हो जाने से मनाली में पर्यटकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है, यहां पर्यटकों को होटलों में ठहरने की जगह नहीं मिल रही। उन्हें मनाली से दूर होटलों में शरण लेनी पड़ रही है। 




पिछली बार बीआरओ ने 15 नंवबर को लगा दी थी रोक
गौरतलब है कि हिमाचल के रोहतांग दर्रा में पिछले महीने भी बर्फबारी हुई थी। इससे वहां ठंड बहुत ज्यादा बढ़ गई है। शिमला स्थित मौसम विभाग ने राज्य में ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में दो दिनों के भीतर बर्फबारी होने का अनुमान जताया है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष रोहतांग दर्रे को लेकर सीमा सुरक्षा संगठन (बीआरओ) ने 15 नवंबर सेे अपने कर्मचारियों और मशीनरी को हटाना शुरू कर दिया था। यह दर्रा बर्फबारी के कारण साल में अमूमन पांच माह बंद रहता है। यह जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में सशस्त्र बलों की आवाजाही की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।