बारिश और बर्फबारी ने बिगाड़ा प्रदेश का मौसम, 2 एनएच सहित 200 मार्ग बंद

punjabkesari.in Thursday, Apr 22, 2021 - 11:06 AM (IST)

शिमला : हिमाचल प्रदेश में अप्रैल में हो रही बारिश और बर्फबारी ने प्रदेशवासियों को दिंसबर जैसा एहसास करा दिया है। प्रदेश में बीते दो दिन से लगातार बारिश और बर्फबारी हो रही है और 24 अप्रैल तक मौसम के मिजाज खराब रहने का अनुमान है। लगातार बारिश बर्फबारी से दोबारा ठंड लौट आई है। प्रदेश में 5 डिग्री तक तापमान लुढ़क गया है। भारी हिमपात और बारिश के चलते सूबे में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बीती रात प्रदेश भर में लगातार बारिश होती रही और आंधी-तूफान चलता रहा। शिमला शहर और जिले के अन्य हिस्सों में बड़ी मात्रा में ओले गिरे हैं, इससे सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। 

दरअसल, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हिमाचल में फिर से शीतलहर लौट आई है। हिमाचल के केलांग, कल्पा, कोठी में ताजा हिमपात हुआ है। वहीं, जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति में भी लगातार बर्फबारी का क्रम जारी है। लाहौल में एचआरटीसी ने भी बस सेवाएं रोक दी हैं। मनाली-लेह मार्ग एक बार फिर से वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है। इसके अलावा कुल्लू के आनी में भी जलोड़ी दर्रे पर बर्फबारी के चलते वाहनों की आवाजाही थम गई है। प्रदेश में 2 एनएच सहित 201 छोटी-बड़ी सड़कें बंद हैं। 
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रोहतांग दर्रे में भी दो फीट से अधिक ताजा बर्फबारी हुई है। अटल टनल के दोनों छोर पर बर्फबारी के चलते मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए फिलहाल बंद कर दिया गया है। मनाली लेह-मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है। किन्नौर में कल्पा, छितकुल, रकच्छम, हंगरनग घाटी, भावा घाटी, आसरंग, लिप्पा में 4 से 6 इंच तक बर्फबारी हुई है। केलांग में 12 सेमी, कल्पा में 11 सेमी और कोठी में तीन सेमी बर्फबारी रिकार्ड की गई है। 

21 अप्रैल को चंबा के डलहौजी में सबसे अधिक 38 एमएम बारिश हुई है। इसके अलावा पालमपुर में 14 और धर्मशाला में 19 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मंडी और कांगड़ा में 10 और 11 एमएम पानी बरसा है। वहीं, प्रशासन ने लोगों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की अपील की है। बता दें कि हिमाचल में 23 अप्रैल तक मौसम खराब रहेगा और 24 को मौसम साफ रहने का अनुमान है। 

हिमाचल प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। इस दौरान सेब की सेटिंग और फ्लावरिंग हो रही थी, लेकिन ओले गिरने से फुल झड़े हैं। वहीं, गेंहू की फसल को भी नुकसान पहुंचा है, क्योंकि कांगड़ा समेत मैदानी इलाकों में गेहूं की फसल पक कर तैयार है। हालांकि, सूखे से जूझ रहे हिमाचल के लिए बारिश और बर्फबारी किसी संजीवनी से कम नहीं है।
 


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Content Writer

prashant sharma

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