देश में पहली बार टनल के भीतर बनेगा रेलवे स्टेशन, हिमाचल में जगह चिन्हित

Wednesday, Oct 17, 2018 - 11:20 PM (IST)

कुल्लू: भारत में पहली बार कोई रेलवे स्टेशन टनल के भीतर स्थापित होगा। मनाली-बिलासपुर-लेह रेल लाइन में जिला लाहौल-स्पीति में इसके लिए जगह चिन्हित की गई है। केलांग स्टेशन के नाम से यह रेलवे स्टेशन प्रसिद्ध होगा। पहले फेस के लोकेशन सर्वे में केलांग में जगह चिन्हित हुई है। केलांग लाहौल-स्पीति जिला का मुख्यालय है। लेह तक रेल पहुंचाने का मकसद चीन की सीमा तक पहुंचना भी है। चीन ने दूसरी तरफ से भारत की सीमा तक सड़कें बनाने के साथ-साथ रेल लाइन भी बिछाई हुई है। भारत भी इस दिशा में आगे बढ़कर सैन्य क्षमताओं को बढ़ाते हुए कई और अहम पग आगे बढ़ाएगा।

20 घंटे में होगा दिल्ली से लेह तक का सफर
दिल्ली से लेह तक का सफर आम तौर पर करीब 40 घंटों में तय होता है। रेल लाइन बिछने के बाद यह सफर 20 घंटों में तय किया जा सकेगा। इंडो-तिब्बतियन बॉर्डर से केलांग की दूरी 120 किलोमीटर है। इस बिलासपुर-लेह रेल लाइन से सुंदरनगर, मंडी, मनाली, केलांग, कोकसर, दारचा, उपसी व कारो सहित हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई स्थान जुड़ेंगे। चीफ इंजीनियर कंस्ट्रक्शन नॉर्दर्न रेलवे डी.आर. गुप्ता के अनुसार इस प्रोजैक्ट में 54 टनलें, 124 मेजर ब्रिजिज व 396 माइनर ब्रिजिज बनेंगे। पहले फेस के सर्वे के मुताबिक टनलों और पुलों की यह संख्या तय हुई है।

30 माह में पूरा होगा फाइनल लोकेशन सर्वे
नॉर्दर्न रेलवे के जनरल मैनेजर विश्वेष चौबे के मुताबिक फाइनल लोकेशन सर्वे को पूरा करने की अवधि 30 माह रहेगी और उसके साथ ही इसकी डी.पी.आर. तैयार हो पाएगी। दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में कई रेलवे स्टेशन हैं। टनल के भीतर ही तैयार होने वाला केलांग का यह रेलवे स्टेशन देश में अपनी तरह का पहला स्टेशन होगा। समुद्र तल से इस रेलवे स्टेशन की ऊंचाई 3000 मीटर से अधिक होगी।

लेह और लाहौल-स्पीति में बढ़ेगा पर्यटन कारोबार
इस रेल लाइन के तैयार होने से लेह और लाहौल-स्पीति की ओर पर्यटन कारोबार बढ़ेगा। सेना की कॉनवाई भी इसी रेल लाइन से आगे बढ़ सकेगी। मौजूदा दौर में सैन्य वाहन रोहतांग दर्रे से गुजर रहे हैं। आने वाले कुछ ही समय में रोहतांग टनल को वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से खोल दिया जाएगा। उसके साथ ही रेल लाइन बिछने के बाद सुविधाओं में और इजाफा होगा।

Vijay