सरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी वर्कर्ज में रोष, इस दिन करेंगी देशव्यापी हड़ताल

Sunday, Nov 11, 2018 - 03:49 PM (IST)

शिमला (योगराज): केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार आंगनबाड़ी को बंद करने के लिए साजिश के तहत लगातार आंगनबाड़ी के बजट में कटौती की जा रही है । आंगनबाडी केंद्रों में काम करने वाली महिलाएं कुपोषण खत्म करते-करते आज खुद कुपोषण का शिकार होने को मजबूर हैं। ये बात शिमला में कामरेड ए.आर. सिंधु ने आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हैल्पर्ज यूनियन के 2 दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन में कही। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है। आंगनबाड़ी वर्करों के मानदेय में 1500 रुपए व हैल्परों के मानदेय में 750 रुपए की बढ़ौतरी ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी से ली जाने वाली 6 मुख्य सेवाओं को धीरे-धीरे खत्म करके उनके रोजगार पर हमला किया जा रहा है लेकिन मोदी सरकार के इन मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करना चाहती है प्रदेश सरकार
वहीं आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हैल्पर्ज यूनियन की प्रदेश महासचिव राजकुमारी ने कहा कि हिमाचल सरकार ने भी हाल ही में सरकारी स्कूलो में प्री नर्सरी क्लासें शुरू करने का फैसला लिया है, जिससे प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चो की संख्या पर असर पड़ा है। सरकार ने प्राइवेट स्कूलो में पढ़ रहे बच्चों को सरकारी स्कूल में लेन के लिए ये योजना शुरू की है लेकिन इसका असर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पड़ा है, जिससे सरकार की आंगनबाड़ी को बंद करने की मंशा का पता चलता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि हरियाणा व केरल की तर्ज पर हिमाचल में आंगनबाड़ी कर्मियों को 12 हजार रुपए वेतन दिया जाए और अगर आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगें शीघ्र पूरी न की गईं तो आंदोलन तेज होगा।

8-9 जनवरी को होगी देशव्यापी हड़ताल
सम्मलेन में आंगनबाड़ी कर्मियों के खिलाफ केंद्र सरकार के रवैये को लेकर यूनियन ने देशव्यापी आंदोलन का फैसला लिया है व 8-9 जनवरी, 2019 को 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का निर्णय लिया है। इन दोनों दिनों पूरे देश के लाखों आंगनबाड़ी केंद्र बन्द रहेंगे व 26 लाख आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरेंगे।

Vijay