प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल, CM बोले-हासिल करेंगे जानकारी

Tuesday, Mar 13, 2018 - 07:35 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में वर्ष 2015 में पदों को भरने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि पहले इन पदों को बोर्ड स्तर पर भरने तथा बाद में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से भरने के लिए 25 लाख रुपए देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि सिहुंता क्षेत्र से हुई 3 नियुक्तियों को लेकर भी जानकारी प्राप्त की जाएगी। उन्होंने विधानसभा में यह जानकारी भटियात के विधायक बिक्रम सिंह जरियाल के प्रश्न के उत्तर में दी। विधायक का कहना था कि बोर्ड में हुई भर्ती के दौरान सिहुंता में 3 लोगों की नियुक्ति की जांच होनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड में भर्ती नियमों की परिधि में होनी चाहिए थी जो नहीं हुई है। 

71 पदों को भरने की दी गई थी मंजूरी
उन्होंने कहा कि 25 जुलाई, 2013 को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें में 71 पदों को भरने को मंजूरी दी गई। यह निर्णय लिया गया कि इन पदों को बोर्ड अपने स्तर पर भरेगा। इन भर्तियों में द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद भरे जाने थे लेकिन इसके बाद बोर्ड ने भर्ती प्रदेश विश्वविद्यालय के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया। इसके लिए विश्वविद्यालय को बाकायदा 25 लाख रुपए भी दिए गए। लिखित परीक्षा के लिए इसमें 12,282 लोगों ने आवेदन किया। इसके बाद 22 सितम्बर, 2015 को उक्त पदों के लिए उम्मीदवारों की अंतिम सिलैक्शन की गई। 

भर्ती प्रक्रिया पर जाहिर हो रही शंका
उन्होंने कहा कि हिमाचल में भर्ती हमीरपुर चयन बोर्ड के माध्यम से होती रही है लेकिन बोर्ड ने यह कार्य प्रदेश विश्वविद्यालय को दिया, इससे भर्ती प्रक्रिया पर शंका जाहिर हो रही है। उन्होंने भटियात के विधायक की तरफ से सिहुंता क्षेत्र से भरे गए 3 पदों की जांच करवाने की मांग पर कहा कि इसकी जानकारी हासिल करने के बाद ही कुछ कहेंगे।