वीवीपैट में खराबी से हिमाचल के चुनाव पर सवाल

Tuesday, Nov 14, 2017 - 05:34 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों पर नौ नवंबर को हुए मतदान में इस्तेमाल की गई वीवीपैट मशीनों में गड़बड़ी की बात सामने आने से चुनाव आयोग की कार्रवाई सवालों के घेरे में घिरती नजर आ रही है। इतना ही नहीं पहली बार की गई वेब कास्टिंग भी फेल हो गई थी। ईसी का कहना है कि 80 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेब कास्टिंग नहीं हो सकी। इसके अलावा 20 फीसदी स्थानों पर जहां वेब कास्टिंग हुई वहां कैमरे ठीक जगहों पर नहीं लगे थे। इनमें मतदाता किस प्रत्याशी को मत दे रहा है यह दिख रहा था। इसके अलावा कैमरे वोटिंग मशीनों के आसपास ही टांग दिए थे। जिस कारण वहां पर वेब सिस्टम होना नाममात्र ही था। इतना सब होने से चुनाव आयोग की कार्रवाई संदेह के घेरे में आती हुई नजर आ रही है।

आयोग ने मांगी है पूरी जानकारी
मुख्य चुनाव आयोग ने प्रदेश के निर्वाचन कार्यालय से और जिलों में तैनात तकनीकी टीमों से वीवीपैट मशीनें खराब होने की पूरी जानकारी मांगी है। दरअसल, हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों के लिए प्रदेश में 7525 मतदान केंद्र बनाए गए थे। अब जाकर वीवीपैट मशीनों की खराबी पर चुनाव आयोग हरकत में आता हुआ नजर आ रहा है। 

गोपनीयता हुई उजागर
वीवीपैट के पास लगाए गए कैमरे सही जगह न लग पाने के कारण मतदाताओं की गोपनीयता भी उजागर हो गई है। वहीं प्रदेश में इस्तेमाल की जारी 11 हजार 50 वीवीपैट मशीनें मतदान दौरान भी दम तोड़ती रहीं। मतदान में 11,283 बैलेट और 9809 कंट्रोल यूनिट स्थापित की गई थी।

गुजरात के चुनाव को लेकर ज्यादा सतर्क हुआ आयोग
गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ज्यादा सतर्क नजर आ रहा है। यहां भी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनों से ही मतदान होना है। ऐसे में आयोग सुधार की कोशिश में जुटा हुआ नजर आ रहा है।

निरीक्षण के बाद ही पता लग पाएगी खराबी
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने पंजाब केसरी को बताया कि मुख्य आयोग को वीवीपैट और ईवीएम खराब होने बारे में लिख दिया है। इस खराबी का कारण तकनीकी टीम के निरीक्षण के बाद ही पता लग पाएगा।