बदजुबानी पर सवाल: सत्ती को खरी-खोटी तो अपने नेताओं पर काटी कन्नी (Video)

Wednesday, May 01, 2019 - 03:13 PM (IST)

ऊना (अमित): इस बार के लोकसभा चुनावों में नेताओं की भाषा भी एक मुद्दा बनती दिखाई दे रही है। दोनों राजनीतिक पार्टियों में नेता भाषा की मर्यादा की सीमाएं लांघते नजर आ रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने समय-समय पर इन नेताओं पर चुनाव प्रचार सम्बन्धी प्रतिबंध लगाकर अंकुश लगाने की कोशिश भी की है लेकिन नेताओं की भाषा शैली को देखते हुए ये प्रयास नाकाफी लग रहे हैं। भाषा की यही अमर्यादित शैली पर एक-दूसरे पर वार प्रतिवार का विषय भी बन रही है और नेतागण एक-दूसरे पर कटाक्ष करने का कोई मौका तो नहीं छोड़ते। जब चुनावी रणभूमि की लड़ाई लड़ रहे नेताओं से उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं की बदजुबानी के सवाल पूछ लें तो ये नेतागण महोदय कन्नी काटते नजर आते हैं। कुछ ऐसी ही बानगी हमें दिखाई दी जिला ऊना में। 

कांग्रेस उम्मीदवार ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा प्रदेश कांग्रेस नेताओं के विरुद्ध दिए गए बयानों से भी किनारा किया और इन बयानों को उनका निजी मत बताया। अपने प्रचार अभियान के तहत नुक्कड़ सभाएं कर रहे थे। उन्होंने मीडिया के कैमरों पर स्पष्ट कहा कि मैं इस विषय पर किसी भी विवाद में नहीं पड़ना चाहता। चुनावों में नशे को कांग्रेस क्या मुद्दा बनाएगी के सवाल पर रामलाल नशे के मुद्दे को गैर राजनीतिक मुद्दा बताया और नशे पर लगाम लगाने में प्रदेश बीजेपी सरकार को विफल बताया। नशे के मुद्दे पर नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी नशे को गैर राजनीतिक मुद्दा करार दिया। मुकेश ने कहा कि भाजपा की सरकार बने डेढ़ वर्ष हो गया है लेकिन सरकार अभी तक ना ही नशे पर लगाम लग पाई है और ना ही कानून लागू हो पाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष के गृह विधानसभा क्षेत्र में ही कई युवा नशे की ओवरडोज से मौत का शिकार हुए है लेकिन भाजपा अध्यक्ष दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं।

Ekta