सजा का प्रावधान न होने के चलते आसानी से छूट रहे वन माफिया

Thursday, Mar 30, 2017 - 02:43 PM (IST)

ऊना: कड़े प्रावधानों के अभाव में संरक्षित पेड़ों की प्रजातियों पर कुल्हाड़ी चल रही है। यूं तो कानून फलदार पेड़ों सहित कुछ अन्य विशेष प्रजातियों के कटान पर पूर्णतया पाबंदी लगाई गई है परन्तु कड़े कानूनों के अभाव में यह प्रतिबंध व्यर्थ साबित हो रहे हैं। इसके बावजूद कोई इन पेड़ों को काट दे तो क्या कार्रवाई हो इसका कोई प्रावधान नियमों में नहीं है। 


इन प्रजातियों पर मंडराने लगे संकट के बादल
नियमों के अभाव में लोग धड़ाधड़ ऐसे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला रहे हैं जो पर्यावरण के संरक्षण में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। खासकर पीपल और बट्ट वृक्ष तो कई वर्षों के अंतराल के बाद अपने वास्तविक स्वरूप में आते हैं। वन माफिया द्वारा इनके कटान की वजह से इन प्रजातियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आए दिन विभिन्न स्थानों से पीपल और बट्ट वृक्ष के काटे जाने की शिकायतें पहुंचती हैं लेकिन ठोस कानूनों के अभाव में कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है।